वाजपेयी समर्थकों ने निकाली ‘अटल शोक यात्रा’,पैदल 350 किमी. सफर तय कर पहुंचेंगे राजघाट

एटा–भारत के पूर्व प्रधानमंत्री व भारत रत्न  अटल बिहारी बाजपेई के निधन के बाद उनके चाहने वाले उनको अलग-अलग तरीके से श्रदांजलि देना चाहते है। देश के हर दिल पर राज करने वाले अटल जी के देहांत बाद उन्होंने ये सावित कर दिया कि पक्ष या विपक्ष या देश की जनता उनको कितना प्यार करती थी इससे उनकी खासी लोकप्रियता पता चलती है।

अटल के दीवानों की टोली आज अटल शोक यात्रा के माध्यम से मैनपुरी के अकबर पुर गाँव से पैदल चलकर 350 किलोमीटर दिल्ली राजघाट पर जाकर उनको भाव पूर्ण श्रदांजलि देने की जिद की है। वही उनमें से एक मुस्लिम वियक्ति ने अटल प्रेम जताकर इस यात्रा का हिस्सा बना है और वो मैनपुरी से राजघाट दिल्ली जाते समय एटा में अटल समर्थकों और बीजेपी कार्यकर्ताओं ने अटल जी के फोटो पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रदांजलि देकर उनका सम्मान कर उन्हें विदा किया है।

जनपद मैनपुरी के अकबरपुर ओछा से पैदल आ रहे अटल शोक पैदल यात्रा के माध्यम से भावपूर्ण श्रद्धांजलि देने मैनपुरी से पैदल जा रहे युवाओ की टोली को एटा के अटल समर्थकों और भाजपाईयो ने पैदल यात्रा कर् रहे लोगो को सम्मान दिया और अटल जी की तश्वीर पर पुष्प चढ़ा कर श्रदांजलि दी और उन्हें विदाई देते हुए उनका सम्मान किया। हमने पैदल यात्रा पर जा रहे संदीप कठेरिया से जाना तो उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेई राष्ट्रीय साहित्य के लेखाकार और कवि थे और भारत रत्न से विभूषित थे उन्होंने सर्व समाज के लिए कार्य किया था और ज्यादातर मुस्लिम भाईयो के लिए काम किया और वो ज्यादातर राष्ट्रहित में कार्य करते थे। जनपद मैनपुरी के अकबरपुर ओछा गाँव से अटल शोक पैदल यात्रा राजघाट दिल्ली लेकर जा रहा हूँ जो 350 किलोमीटर पैदल चलकर राजघाट स्मृति स्थल दिल्ली जाकर अटल जी को भावपूर्ण श्रदांजलि देँगे। 

वही एटा पहुंचने पर भाजपा के कार्यकर्ताओं और अटल बिहारी जी के समर्थकों ने उनका स्वागत किया और दिवंगत अटल जी के फ़ोटो पर श्रद्धा सुमन अर्पित करते उनको विदा किया। वही इस यात्रा में एक मुस्लिम वियक्ति अफरोज तो उन्हें जन्नत में जगह मिले ऐसी अपने अल्लाह से इबादत कर रहा है। अफरोज खान ने कहा कि में अपने मुस्लिम भाइयो को संदेश देना चाहता हूँ कि अटल जी सभी मुस्लिम भाइयो के दिल मे बसे है। में एक मुस्लिम होते भी उन्हें श्रदांजलि देने जा रहा हूँ और उनके दिल मे जो भी भाईचारे वाली बात थी उन्होंने किसी भी बर्ग को अलग नही समझा है और में उनके चरणों मे जाकें उन्हें श्रदांजलि दू। पूरे देश मे उनके चाहने वाले लोग जगह,जगह उनके फ़ोटो पर श्रद्धा सुमन अर्पण कर अभी भी श्रदांजलियों का दौर जारी है।

(रिपोर्ट – आर. बी. द्विवेदी, एटा )

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