मथुरा– उत्तर प्रदेश में सरकार बदलने के बाद से ही घोटालों और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के उद्देश्य से सभी मदरसों को ऑनलाइन किए जाने की प्रक्रिया शुरू की गयी थी , जिसके लिए चार माह का समय निर्धारित किया गया था ।
उत्तर प्रदेश में कुल 19200 के करीब मदरसे और 140 मिनी आईटीआई रजिस्टर्ड है , लेकिन अब तक सिर्फ 17000 करीब मदरसे और 120 के करीब आईटीआई ही पोर्टल पर रजिस्टर्ड हो पाए है। इन मदरसों और आईटीआई के रखरखाव और अन्य खर्चों पर सरकार का करीब प्रति वर्ष 100 करोड़ का खर्च किया जाता है। इसी की जाँच के लिए वक्फ बोर्ड द्वारा एक पोर्टल बनाया गया, जिससे इस प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जा सके । इस पूरे मामले पर जब कैबिनेट मंत्री बफ्फ बोर्ड से बात की गयी तो उन्होंने बताया कि इनकी जाँच कराई गयी तो अब तक 20 मिनी आईटीआई और 2000 मदरसे फर्जी पाए गए। अब इनकी गहनता से जाँच करा रहे है। यह निश्चित है की अब सरकार का करीब 100 करोड़ रूपया प्रतिवर्ष बचेगा।
साथ ही अब तक फर्जी आधार पर 20 मिनी आईटीआई और 2000 मदरसो को पैसा दिया गया उनकी भी उच्च स्तरीय जाँच कराई जा रही है और सभी की जाँच कराकर कार्यवाही करेंगे । वही उन दोषी अधकारियों की भी जाँच कराई जाएगी, जो इस मामले में संलिप्त रहे है । उनके ऊपर भी कार्यवाही की जाएगी जिन अधिकारियो ने सहायता के नाम पर और छात्रवृत्ति के नाम पर घोटाला किया है ।
(रिपोर्ट- सुरेश सैनी, मथुरा )