इलाहाबाद– इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद व सीबीआई जांच की जद में आई मायावती शासनकाल की एपीएस भर्ती में धांधली का मामला सामने आने लगा है। फर्जीवाड़ा करके नौकरी हथियाने वाले 6 लोगों का नाम सामने आ गया है।
इन सभी का चयन निरस्त कर दिया गया है और उनकी जगह नए अभ्यर्थियों का चयन करते हुए सूची जारी कर दी गई है। गौरतलब है कि कुछ महीने पहले योगी सरकार ने मायावती शासनकाल में 2010 में शुरू हुई सचिवालय में अपर निजी सचिवों की भर्ती की सीबीआई जांच कराए जाने को मंजूरी दे दी थी। इसी बीच हाईकोर्ट के आदेश पर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने भी इस भर्ती में हुई धांधली के आरोपों पर अपनी ओर से गठित जांच कमेटी द्वारा तहकीकात शुरू की तो 6 लोगों के फर्जी चयन का मामला अब तक सामने आ चुका है।
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के सचिव जगदीश की ओर से जारी की गई प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार आयोग ने एपीएस भर्ती के 6 चयनित अभ्यार्थियों का चयन निरस्त करने के बाद 6 नए अभ्यर्थियों का चयन किया है। इसमे प्रतिमा निगम, श्वेता, शोभना त्रिपाठी, मनोज कुमार वर्मा, रणधीर कुमार और भूपेंद्र प्रताप सिंह का नाम शामिल है। हालांकि आश्चर्यजनक तरीके से चयन निरस्त होने वाले अभ्यर्थियों का नाम सार्वजनिक नहीं किया गया है। जबकि अभी तक ऐसी परिस्थिति में जिन अभ्यर्थियों का चयन निरस्त होता था उनका नाम सार्वजनिक किया जाता था।