बदायूं–प्रदेश में जब से बीजेपी की सरकार बनी है तब से लगातार भ्रष्ट अधिकारी और कर्मचारियों को जेल की सलाखों के पीछे डाला जा रहा है। फिर भी अधिकारी ,कर्मचारी अपनी करतूतों से बाज नहीं आ रहे हैं।
ऐसा ही एक मामला बदायूँ में सामने आया है। जहां चक बदलने के नाम पर चकबंदी लेखपाल घूस मांग रहा था। जिसे एंटी कॅरप्शन ब्यूरो की टीम ने रंगे हाथों किसान से चक बदलने के नाम पर रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। लेखपाल ने चक बदलने के नाम पर किसान से आठ हजार की नगदी बतौर घूस ली थी। टीम की ओर से आरोपी लेखपाल के खिलाफ बदायूँ के उघैती थाने पर मुकदमा दर्ज कराया गया है।
मुरादाबाद जिले के थाना बनियाठेर के गांव नगला खाकम निवासी दुष्यंत कुमार पुत्र लाखन सिंह बिल्सी तहसील में चकबंदी लेखपाल के पद पर तैनात हैं। उसकी तैनाती बदायूँ के विल्सी तहसील के गांव मिठामई में है।मिठामई गांव निवासी रविंद्र श्रीवास्तव से लेखपाल दुष्यंत कुमार ने चक को इधर-उधर करने के एवज में रुपए देने की मांग की। पहले तो शिकायतकर्ता ने लेखपाल को समझाने का प्रयास किया, लेकिन जब बात नहीं बनी, तब उसने एंटी कॅरप्शन ब्यूरो बरेली की टीम को लेखपाल की करतूत से अवगत करा दिया। रविंद्र श्रीवास्तव ने लेखपाल से गांव स्वरूपपुर के समीप घूस की नगदी देने की हामी भर दी।
इसकी सूचना एंटी कॅरप्शन की टीम को भी पीड़ित की ओर से कर दी गई। गांव स्वरूपपुर के पास खेतिहर इलाके में पीड़ित की ओर से लेखपाल को वहीं नोट दिए गए, जिन पर एंटी कॅरप्शन की टीम की ओर से कलर लगाया गया था। लेखपाल द्वारा घूस लेने के बाद तत्काल ही टीम के प्रभारी सुरेंद्र सिंह, इंस्पेक्टर नरेश चंद्र शर्मा, सब इंस्पेक्टर सुरेश मिश्रा एवं पूरी टीम ने लेखपाल को रंगे हाथों दबोच लिया। टीम लेखपाल को हिरासत में लेकर थाने ले आई। टीम ने लेखपाल की जेब से घूस की नगदी भी बरामद कर ली। देर रात टीम की ओर से घूसखोर लेखपाल के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मुकदमा कायम कर दिया गया है।
(रिपोर्ट-राहुल सक्सेना, बदायूं)