हरियाणा की अंशु मलिक ने गुरुवार को इतिहास रचते हुए विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बन गईं। 20 वर्षीय मलिक ने नॉर्वे के ओस्लो में विश्व चैंपियनशिप में दो बार के ओलंपिक पदक विजेता हेलेन मारौलिस से अपना अंतिम मुकाबला 1-4 से गंवा दिया। इस बीच एक अन्य भारतीय पहलवान सरिता मोर (59 किग्रा) ने भी देश के लिए कांस्य पदक जीता। अंशु ने बुधवार को महिलाओं के 57 किग्रा सेमीफाइनल में यूरोपीय रजत पदक विजेता यूक्रेन की सोलोमिया विन्निक को हराया था। हैं। खेल स्कूल निडानी की अंशु विश्व कुश्ती फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान है। पहलवान सुशील ने वर्ष 2010 में भारत को इकलौता गोल्ड दिलाया था।
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2010 में सुशील कुमार ने जीता था गोल्ड
इस मुकाबले में गत एशियाई चैंपियन अंशु काफी दर्द में दिख रही थी लेकिन अमेरिकी पहलवान ने अपनी पकड़ कमजोर नहीं होने दी और भारतीय पहलवान को चित्त करके जीत दर्ज की। अंशु को मुकाबले के तुरंत बाद चिकित्सा सहायता लेनी पड़ी और उनकी आंखों में आंसू नजर आ रहे थे। अंशु हालांकि विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बन गई हैं।
कैडेट वल्र्ड चैंपियन और जूनियर वल्र्ड सिल्वर मेडलिस्ट अंशु 2010 के चैंपियन सुशील कुमार और 2018 के सिल्वर मेडलिस्ट बजरंग पुनिया के बाद वल्र्ड चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने वाली तीसरी भारतीय थीं। गीता फोगट (2012), बबीता फोगट (2012), पूजा ढांडा (2018) और विनेश फोगट (2019) ये अन्य भारतीय महिला पहलवान हैं जिन्होंने इससे पहले कांस्य पदक जीते
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