यूपी की कानून व्यवस्था सवालो के घेरे में है और सरकार विपक्ष के भी निशाने पर है. यूपी का कानपुर जिला अब कांडपुर बनाता जा रहा है. सूबे की ओद्योगिक राजधानी कानपुर में अपहरण, हत्या और लूट जैसी वारदातें रुकने का नाम नहीं ले रही हैं.
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कानपुर में संजीत यादव का अपहरण और हत्या का मामला अभी ठंडा भी नही हुआ था कि कानपुर देहात में भोगनीपुर थाना क्षेत्र के चौरा स्थित नेशनल धर्मकांटा से ब्रजेश पाल का 16 जुलाई की रात को अपहरण कर लिया गया.इस वारदात के बाद एक बार फिर पुलिस पर सवाल खडे हो गए है.
10 दिनों से गायब धर्मकांटा व्यापारी
बता दें कि 10 दिनों से गायब धर्मकांटा व्यापारी का कोई सुराग नहीं मिल पाया है, जबकि परिवार वालों को 20 लाख की फिरौती के लिए बार-बार फोन आ रहा है. वहीं पूरे मामले में पुलिस के आलाअधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है.
मिली जानकारी के मुताबिक कानपुर देहात में 16 जुलाई की रात को युवक का धर्मकांटे से अपहरण लिया गया था. जिसके बाद परिजनों से लगातार 20 लाख की फिरौती मांग की जा रहा है. अपहरणकर्ता के द्वारा 5 दिन के अंदर 20 लाख की रकम देने को कहा था, लेकिन आज घटना के 10 दिन बीत गए. वहीं परिजनों का रो- रोकर बुरा हाल है. जबकि अपहरणकर्ता और परिजनों के बीच फिरौती मांगे वाला बातचीत का ऑडियो भी है. फिर भी पुलिस किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है.
पुलिसिया सिस्टम फेर फेल…
अब एक बार फिर यूपी पुलिस का पूरा सिस्टम फेल नजर आ रहा है. अपराधी मस्त और पुलिस पस्त दिखाई दे रही है. वहीं कानपुर देहात पुलिस ने इस मामले से मीडिया को दूर रखा और अपहरण के मामले पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है.
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