फूटा ग्रामीणों का गुस्सा ,’सड़क नहीं तो पोलियो नहीं ‘

मैनपुरी–उत्तर प्रदेश के मैनपुरी का एक गाँव ऐसा भी है जहाँ पीएम मोदी का ‘ सबका साथ , सबका विकास ‘ नारा हवा – हवाई साबित हो रहा है। जिले के हसरा गाँव में प्रशासन की अनदेखी से पीड़ित लोगों ने आज प्रदर्शन किया और विरोध में अपने बच्चों को पोलियो ड्राप पिलाने से मना कर दिया। 

बता दें कि हसरा गाँव में सड़क जैसी बुनियादी सुविधा की भी भारी किल्लत है। इतना ही नहीं यहां टूटे हुए पुल की मरम्मत पर भी किसी का ध्यान नहीं जा रहा है। ऐसे में स्कूली बच्चे और ग्रामीण खेत पर बनी मेड़ों से अपने गंतव्य तक जाने के लिए मजबूर हैं। ग्राम प्रधान अर्चना चौहान पत्नी राकेश चौहान भी यहां के ग्रामीणों को बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए केवल आश्वासन देकर चली जाती हैं। यहां तक कि इलाके के विधायक ने इस गाँव की पूरी तरह अनदेखी कर रखी है। एक तरफ पूरे यूपी में प्रधानमंत्री द्वारा चलाये गए ‘ स्वच्छ भारत मिशन ‘ के तहत प्रत्येक गाँव में शौचालयों का निर्माण किया जा रहा है लेकिन इस गाँव की जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। यहां न तो शौचालय बने हैं और न ही उज्ज्वला योजना के तहत एक भी सिलेंडर इन ग्रामीणों को मुहैया कराये गए हैं।

गाँव में किसी भी तरह की सुविधा नहीं मिलने से नाराज ग्रामीणों का गुस्सा आखिरकार फूट ही पड़ा और ग्रामीणों ने गाँव में पोलियो ड्राप पिलाने आये पोलियो अधिकारियों को अपने बच्चों को पोलियो ड्राप पिलाने से सीधे मना कर दिया। नाराज ग्रामीणों ने हाथों में ‘ सड़क नहीं तो पोलियो नहीं ‘ के बैनर लेकर जमकर प्रदर्शन किया। ग्रामीणों को उम्मीद है कि शायद पोलियो टीकाकरण का बहिष्कार करने से अधिकारी गाँव की सुध ले लेंगे। इस प्रदर्शन में बुजुर्गों सहित गाँव की महिलाओं और बच्चों ने भी बराबर सहयोग दिया। 

(रिपोर्ट – श्वेता सिंह )

 

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