कानपुर — उन्नाव गैंगरेप पीड़िता की चिता ठंडी भी नही हो पायी थी कि कानपुर देहात में नाबालिग गैंगरेप पीड़िता ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। दरअसल बीती 13 नवम्बर को गांव के 3 वहशियों ने अपहरण कर बंधक बना कर 3 दिन तक गैंगरेप किया था जिसके बाद पीड़ित परिवार थाने पहुचा ओर न्याय पाने के लिए फरियाद की पुलिस ने महज़ 363 ओर 366 की धारा में मुकदमा दर्ज कर लिया और लगभग 1 महीने बाद भी गिरफ्तार नही किया। लिहाज़ा नाबालिग ने कल रात पुलिसिया कार्यशैली से क्षुब्ध होकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली ।
देखिए सूबे के मुखिया की किस तरह आपके सूबे में बेटियां कितनी महफूज़ है। उन्नाव गैंगरेप मामला ठंडा भी नही हुआ कि कानपुर देहात के रूरा थाना क्षेत्र के सरवा गांव की नाबालिग छात्रा ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। अब जरा वजह भी सुन लीजिए। नाबालिग छात्रा को गांव के ही दबंग वहशी सन्नी लाला और रिंकू ने अपहरण कर बंधक बना कर 3 दिन तक गैंगरेप किया। इस बीच 16 नवम्बर को पुलिस ने 363 और 366 की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया यानी सिर्फ अपहरण का मामला।जबकि वहशी दरिंदे गांव में घूम घूम धमकियां देते रहे ।
लिहाज़ा डर और खौफ के साए में जी रही गैंगरेप नाबालिग छात्रा 6 दिन पहले कानपुर नगर अपनी बहन के घर रहने चली गयी। लेकिन पुलिस ने वहशियों पर कोई कार्यवाही नही की और ना ही गैंगरेप की धाराओं में एफआईआर किया लिहाज़ा पुलिसिया कार्यशैली से परेशान होकर गैंगरेप पीड़िता ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
वहीं परिजन नाबालिग बेटी की लाश लेकर घर पहुचे। गांव में मासूम बेटी की लाश देख कर कोहराम मच गया लोगो ने बताया कि मासूम की मौत की ज़िम्मेदार रूरा थाने की पुलिस है, अगर पुलिस समय रहते गैंगरेप का मुकदमा दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज देती तो मासूम आत्महत्या नही करती। मासूम की मौत से आहत लोग हैदराबाद की तरह वहशी दरिंदो को ऑन द स्पॉट फैसला चाहते है यानी फांसी या एनकाउंटर।
इस घटना से गांव की बेटियां दहशत ज़दा है उनके दिलों में खौफ बैठ गया है। कालेज स्कूल आने जाने में डर लगता है वो भी चाहती है कि जिस तरह हैदराबाद की बहन को न्याय मिला उसी तरह इस बहन को भी न्याय मिलना चाहिए अगर लेट लतीफी होगी तो वहशी कोर्ट कचहरी कर के बच जाएंगे। यकीनन इस घटना ने पुलिस की कलई खोल कर रख दी है। बड़ा सवाल वहशियों के साथ पुलिस भी दोषी है अगर पुलिस वक्त रहते कार्यवाही कर देती तो यकीनन मासूम की जान बाख जाती।
(रिपोर्ट-संजय कुमार,कानपुर देहात)