लखनऊ — राजधानी लखनऊ में सोमवार को आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों ने खुद को राज्यकर्मचारी का दर्ज़ा दिए जाने और मानदेह बढ़ाये जाने समेत अपनी 13 सूत्री मांगो को लेकर प्रदेश भर से आई सैकड़ों की तादात में लक्ष्मण मेला मैदान में जोरदार प्रदर्शन कर नारे बाजी की.
इस दौरान आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों ने बेसिक शिक्षा मंत्री अनुपमा जायसवाल का पुतला फूंककर विरोध जताया.वहीं प्रदर्शनकारियों ने जिला प्रशासन के अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप भी लगाया. उन्होंने कहा कि जिम्मेदार अधिकारी सीएम योगी से वार्ता तक नहीं करा रहे हैं.
उल्लेखनीय है कि महिला आंगनवाड़ी कर्मचारी संघ के अध्यक्ष गिरीश कुमार पांडेय के नेतृत्व में संगठन की महामंत्री नीलम पांडेय की अगुआई में महिलाएं पिछले 59 दिनों से लगातार आंदोलन कर रही हैं. नीलम ने बताया कि सभी आंगनवाड़ी कार्यकत्री पिछली 22 अक्टूबर 2017 से “कलम बंद-काम बंद आंदोलन” कर रही हैं.इसी के चलते आज पंजीरी माफियाओं के एजेंट के रूप काम करने वाले निदेशक राजेंद्र कुमार सिंह और राज्य मंत्री अनुपमा जायसवाल का पुतला जलाया गया.
वहीं आक्रोशित महिलाओं ने कहा कि करीब दो माह होने वाले हैं लेकिन सीएम योगी हमारी मांगों पर बैठकर बात करने और उस पर निर्णय लेने के लिए हठवादी नीति अपनाकर आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को आंदोलन के लिए बाध्य कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि संगठन की सीतापुर जिलाध्यक्ष नीतू सिंह को सरकार के निर्देश पर पुलिस ने राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम लगाकर बंद किया गया था. आंदोलन की वजह से ही उन्हें छोड़ दिया गया ये हमारे संगठन की जीत है. इसके अलावा आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों ने कल यानी 19 दिसंबर को अपने-अपने जिले में गिरफ़्तारी देने का ऐलान किया है. वहीं आगामी 22 दिसंबर को जेल भरो आंदोलन की चेतावनी दी है.
जेल भरो आंदोलन की चेतावनी पर उन्होंने कहा कि प्रदेश में जन आंदोलन को कुचलने के लिए यूपीकोका कानून लाया जा रहा है.इस कानून के आने के बाद सरकार का विरोध करने वालों को खुद ही अपना पक्ष रखना पड़ेगा वकील की इसमें आवस्यकता नहीं होगी.