लखनऊ– आर्थिक संकट से जूझ रहे नगर निगम के लिए निकाय चुनाव सौगात लेकर आया है। निकाय चुनाव में उतरने के तलबगारों ने अब निगम की तिजोरी भरना शुरू कर दिया है।
दरअसल, नगर निगम चुनाव में बड़ी संख्या में पार्षद और महापौर के प्रत्याशियों का मैदान में उतरना शुरू हो गया है। जिससे उन पर बकाया लाखों का गृहकर बैठे-बिठाये प्राप्त कर नगर निगम को खासी आय हो रही है। ऐसे में तेजी से जमा हो रहे हाउस और वाटर टैक्स के पैसे से नगर निगम की काफी मुश्किलें आसान हो सकती हैं।
निकाय चुनाव में उतरने का प्लान बनाए लोगों ने अपना नगर निगम की देनदारी चुकानी शुरू कर दिया है। नॉमिनेशन फॉर्म भरे जाने से पहले ही दावेदारों को अपने ऊपर नगर निगम का बकाया हाउस टैक्स, वाटर टैक्स और सीवर टैक्स जमा कर ‘नो ड्यूज’ (अनापत्ति प्रमाण पत्र) प्राप्त करना जरूरी है। नगर निगम और जलकर विभाग पर किसी प्रकार का बकाया न होने के उक्त प्रमाण पत्र को नॉमिनेशन फॉर्म में लगाना अनिवार्य है, ऐसा न होने पर नॉमिनेशन फॉर्म निरस्त हो जाएगा। यही वजह है कि बड़ी संख्या में बकायेदार दावेदारों की संख्या नगर निगम के आठों जोनल कार्यालयों पर अचानक बढ़ती नजर आने लगी है।
बिना किसी मेहनत के सालों का बकाया कर प्राप्त होने को लेकर नगर निगम के अफसर और कर्मचारी भी खासे उत्साहित हैं। वह भी बकाया जमा होने पर दावेदारों को ‘नो ड्यूज प्रमाण पत्र’ जारी करने में गजब की फुर्ती दिखा रहे हैं। नगर निगम के एक अफसर ने बताया, लोगों का बकाया टैक्स वसूलने के लिए कई बार उनके घर के चक्कर लगाने पड़ते थे उसके बाद भी उनका बकाया मिलना संभव नहीं हो पाता था। लेकिन चुनाव लड़ने के दावेदारों के नो ड्यूज लेने की जल्दी ने हमारा काम आसान कर दिया है। प्रत्येक जोन में पिछले 1 सप्ताह से औसतन 3 से 4 लाख रुपए रोज आ रहे हैं। जबकि सितंबर के अंतिम सप्ताह में वसूली 20 लाख रुपए भी नहीं पहुंची थी। अक्टूबर में जैसे ही निकाय चुनाव की हलचलें बढ़ीं वैसे ही निकाय चुनाव लड़ने के इंटरेस्टेड लोग अपना बकाया चुकता करने लगे।