सदी के महानायक अमिताभ बच्चन द्वारा अपने पैतृक गांव जाने और वहां स्कूल या अस्पताल जैसा कुछ करने की बात कही तो परिवारीजनों में खुशियां छा गई। हालांकि उनकी पत्नी जया बच्चन साल 2006 में बाबूपट्टी में सांसद निधि से बनाये गए हरिबंश राय बच्चन पुस्तकालय का लोकार्पण करने पहली बार पहुंची थी।
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जया को मुंह दिखाई में मिला था मुकुट
इस बाबत बिग बी की भाभी ने बताया कि जब जया जी आई थी तो गांव की देवी के चबूतरे पर परिवार की परम्परा जो नई बहू के आने पर पूजा थी उन्होंने भी निभाया था, देवी के चबूतरे पर पूजा कराया गया और जया के चचिया ससुर शारदा प्रसाद ने पूजन के बाद मुंह दिखाई में मुकुट दिया था। जया ने जाते समय वादा किया था परिजनों से की अगली बार बहू बेटे के साथ आऊंगी लेकिन परिवार के लोग इंतजार करते रहे साल बीतते रहे।
परिवार कर रहा इंतजार
अब जब बिग बी ने केबीसी के सेट से घोषणा की तो परिजनों में एक बार फिर आस जगी है पूरे परिवार के साथ समय विताने की। बिग बी के भतीजे ने बताया कि हरिबंश जी ने अपनी रचना क्या बोलूं क्या याद करुं में पेज नम्बर 18 से 25 तक बाबूपट्टी और गांव का जिक्र किया है जिसमे जब गांव से लोग पैदल गंगा स्नान करने जाते थे तो पहले उनके यहा ही रुकते थे।
उन्होंने लिखा है कि चाहे या अनचाहे हो बाबूपट्टी के लिए हमेशा खुला रहता था और लोग गांव से चना, होरहा जो भी चीजे होती थी लोग लेकर आते थे और बच्चन जी बड़े चाव से खाते थे। अब देखना होगा कि बिग बी का परिजनों को कब तक इंतजार करना पड़ेगा।
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(रिपोर्ट- मनोज त्रिपाठ, प्रतापगढ़)