आपात स्थिति में मरीजों को सुविधा देने वाली 102, 108 ए एल एस एंबुलेंस जिम्मेदारों की उपेक्षा के चलते बदहाली का शिकार है। 60,000 किलोमीटर चलने के बाद भी टायर नहीं बदला जा रहा है।
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ऐसे में कई वाहन खटारा होकर खड़े हो रहे हैं ।एंबुलेंस कर्मचारी संघ गोंडा के द्वारा आज इस विषय पर डीएम और सीएमओ को पत्र लिखकर अवगत कराया गया है।
संगठन के जिला अध्यक्ष श्री अरुण मिश्रा जी द्वारा बताया गया कि जिले में लगभग एक तिहाई से ज्यादा एंबुलेंस टायर अथवा डीजल के अभाव में खड़ी हो गई है। यह वाहन 60000 किलोमीटर तक चल चुके हैं इसके बावजूद इनका टायर बदलने की व्यवस्था नहीं हो रही है मरीजों को लेकर चलने वाले वाहनों का टायर नहीं बदला गया तो कभी भी कोई भी हादसा हो सकता है।
सेवा प्रदाता कंपनी जीवीके एम आर आई की ओर से जीपीएस रनिंग के हिसाब से डीजल दिया जा रहा है 300 किलोमीटर चलने पर 200 क़िमी का पैसा दिया जाता है।वाहनों के मरम्मत व रखरखाव के त्वरित कार्यवाही ना होने की वजह से कई वाहन अपने लोकेशन पर खड़े है।कर्मचारियों का आरोप है कि वाहन की मरम्मत कराने के लिए उच्चाधिकारियों से शिकायत करने पर कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिलता है।इस बदहाल व्यवस्था के कारण आम जनता को तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ता है ।