पहाड़ों पर लगातार हो रही बरसात और नेपाल से चार लाख क्यूसेक से अधिक पानी घाघरा नदी में छोड़ दिये जाने से मैदानी क्षेत्रों में एक बार फिर से बाढ़ से तबाही शुरू हो गई है.
घाघरा खतरे के निशान से लगभग 61 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. अम्बेडकर नगर जिले की आलापुर और टांडा तहसील क्षेत्र के एक दर्जन से अधिक कछार के गांव चारो तरफ बाढ़ के पानी से घिर कर टापू बन गए हैं.
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टांडा तहसील क्षेत्र में मुख्य रूप से मांझा उल्टहवा, मांझा चिंतौरा, मांझा कला, मांझा अवसान पुर और फूलपुर और आलापुर तहसील क्षेत्र में माझा कम्हरिया और अराजी देवारा सहित कई गांवों की बड़ी आबादी बाढ़ की चपेट में है.
बाढ़ से सारी फसलें बर्बाद…
इससे पहले घाघरा में आई बाढ़ ने यहां की सारी फसलों और लोगों के घरों में रखे राशन के साथ-साथ जानवरों के चारे को बर्बाद कर दिया था. लेकिन दोबारा घाघरा में आई बाढ़ से टांडा नगर क्षेत्र के कुछ हिस्से समेत कई गांवों के अलावा आलापुर तहसील क्षेत्र के कई गांव फिर से बाढ़ से घिरे हुए है.जिनके खेती की काफी भूमि नदी बन गई है. बाढ़ से प्रभावित कई गांव टापू बन गए है. प्राथमिक विद्यालय बाढ़ के पानी से लबा-लब्ब हो गया है.
बाढ़ के पानी से गांव का दूसरे गांव से संपर्क टूट गया है… तो वही बाढ़ के पानी ने कई परिवारों को अपना घर छोड़ने के मजबूर कर दिया है. हालांकि प्रशासन की तरफ से बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री के रूप में आटा, दाल, चावल और आलू सहित अन्य दैनिक उपयोग की सामग्री मुहैया कराई जा रही है. लेकिन कुछ बाढ़ पीड़ितों का कहना है कि उन्हें सड़ी आलू मुहैया कराई गई है, जो काफी नही है.
प्रशासन की खामिया उजागर
इतना ही नही उनका यह भी कहना है कि प्रशासन द्वारा दूर से ही बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रो का दौरा किया जा रहा है. हकीकत देखने और सुनने के लिए अधिकारी यहां तक नही आ रहे है. एक प्रभावित का यह भी कहना है कि सभी बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री नही दी जा रही है.बाढ़ क्षेत्र में लगाए गए स्वास्थ्य कैम्प बिना डॉक्टर के ही चल रहे है.
वही अपर जिलाधिकारी पंकज कुमार वर्मा ने बताया कि प्रभावित होने वाले गांवों के लिए प्रशासन की तरफ से खाद्य सामग्री के साथ साथ पशुओं के चारे का वितरण कराया जा रहा है… बाढ़ से लगभग 4 हजार हेक्टेयर किसानों की फसलों के नुकसान का अनुमान अभी लगाया गया है… जैसे ही जल स्तर कम होता है हम उसका सही आंकलन करके किसानों को उनकी फसलों का मुवाबजा दिलाएंगे.
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(रिपोेर्ट- कार्तिकेय द्विवेदी, अम्बेडकरनगर)