बदायूं — समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व मंत्री मोहम्मद आजम खान के खिलाफ बदायूं की अदालत में दायर मुकदमा निरस्त कर दिया गया है। अदालत ने आज इस मुकदमे को खारिज कर दिया । इस बारे में कोर्ट का कहना है कि आजम खान के खिलाफ कोई पुख्ता सबूत नहीं है कि उन्होंने देशद्रोह से जुड़ी बातें कहीं हैं।
दरअसल साल 2010 में एक कार्यक्रम में शामिल होने आए आजम खां ने विवादित बयान दिया था।बता दें कि साल 2010 में बड़े सरकार पर आजम खान ने कहा था कि यूपी सरकार में केवल एक ही कैबिनेट मंत्री हैं गुलाम नबी आजाद, वो भी भारत से नहीं बल्कि कश्मीर से। उस कश्मीर से जिसका अभी तक ये नहीं पता कि वो भारत का हिस्सा है या कश्मीर का। इसी बात को लेकर बजरंग दल के जिला संयोजक उज्जवल गुप्ता ने आजम खां पर देशद्रोह के मुकदमे के लिए 156/3 के माध्यम से मुकदमा दर्ज कराया था। लंबी सुनवाई के आधार पर कोर्ट ने पर्याप्त सबूत न होने के कारण इस मुकदमे को निरस्त कर दिया गया।
लंबी जद्दोजहद तमाम सुनवाई बयानात और साक्ष्यों के आधार पर विद्वान न्यायाधीश सीजीएम अमरजीत की अदालत ने पर्याप्त सबूत ना होने का आधार बता कर इस मुकदमे को निरस्त कर दिया। गौरतलब है कि आजम खान के खिलाफ 2010 से बदायूँ कोर्ट में मुकदमा चल रहा था।
(रिपोर्ट-राहुल सक्सेना ,बदायूँ)