औरैया– किसान कभी सूखा की मार तो कभी बेमौसम बरसात तो कभी आग से जलकर फसल चौपट होने से बर्बादी की कगार पर आ रहा है। इन सब आफतों से बची फसल को किसानों ने काटकर अपने खेतों में रखा ही था कि देर रात आयी आँधी किसानों को फिर से तबाही का पैगाम देकर चली गयी। मानो कि जैसे किसानों की फसल को किसी की नजर सी लग गयी हो।
जब गेहूँ की फसल पककर तैयार हुई तो बेमौसम बरसात की मार से फसल कमजोर हो गयी, जैसे तैसे कमजोर फसल को काटकर किसानों ने अपने खेत मे काटकर रखा ही था कि देर रात आयी तेज आंधी करीब 150 बीघा फसल के खेतों में रखें गट्ठर अपने साथ उड़ा कर ले गयी। जिससे किसान एक बार फिर बर्बाद होने की कगार पर आ गए है।
जब तेज आँधी आयी तो किसान अपनी परवाह न करते हुए खेतों पर जा पहुँचे लेकिन आँधी इतनी तेज थी कि वह केवल अपनी बर्बादी का मंजर देखने के अलावा कुछ न कर सके और उनके सामने देखते ही देखते मेहनत की कमाई तेज आँधी ने मनो जैसे कि डाका डाल दिया हो। इस आँधी ने जिले के बिधूना, फफूंद, हरचंदपुर, पूर्वा माधौ सिंह के आस-पास के गाँव में करीब 50 किसानों के खेतों में रखे गेहूँ के गट्ठरों को साफ कर दिया।
वैसे तो इस आफत के बाद किसान रोड पर आ गये है। फसल खराब होने के कारण शासन से मदद की मांग को लेकर ग्रामीणों ने अछल्दा-बिधूना तिराहे पर जाम लगा दिया। जिसके बाद से जिला प्रशासन के हाथ पैर फूल गए और मौके पर नायाब तहसीलदार प्रेमचंद पांडेय ने कड़ी मशक्कत के बाद किसानों को सरकारी मदद का आश्वासन देकर किसी तरह जाम खुलवाया। साथ ही नायब तहसीलदार प्रेम चंद्र पांडेय के निर्देशन में संबंधित अधिकारियों ने नुकसान का आकलन शुरू कर दिया है।
(रिपोर्ट- वरुण गुप्ता, औरैया)