हरदोई — उत्तर प्रदेश के स्कूल ,शौचालय, सचिवालय ,टोल प्लाजा,पुलिस थानों के बाद अब मोदी सरकार की प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना के अंतर्गत जेनेरिक दवाओं के भी भगवाकरण का मामला सामने आया है।
सरकार की पहल पर मिलने वाली जेनेरिक दवाओं का लोगो और उसका भगवा रंग अब विवाद के घेरे में है। योजना के लोगों में भगवा रंग में योजना का नाम इस तरह लिखा है जिसमें संक्षिप्त नाम भाजप साफ नजर आ रहा है। यह तीनों अक्षर भगवा रंग से लिखे गए हैं जबकि बाकी नीले रंग से लिखा है। इस पर प्रधानमंत्री शब्द भी बहुत छोटे अक्षरों में लिखा है। समाजवादी पार्टी ने सरकार पर दवाओं के नाम पर वोट बैंक की राजनीति करने और पैसे का दुरपयोग करने का आरोप लगाया है
दरअसल केंद्र में बीजेपी की सरकार बनने के बाद 2015 में जेनेरिक दवाओं के संबंध में आदेश जारी किए गए थे। सरकार ने सस्ती दर पर अलग से जेनेरिक दवा स्टोर खोलने के आदेश दिए थे। यूपी में भी जेनेरिक दवाओं के स्टोर सरकारी अस्पताल , मेडिकल कॉलेज और शहर के प्रमुख स्थानों पर खोलने के आदेश दिए गए थे। सरकार की इस पहल पर हरदोई के जिला चिकित्सालय में प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना के अंतर्गत जेनेरिक दवाओं का एक स्टोर खोला गया है। जेनेरिक दवाओं के स्टोर में फिलहाल अभी दवाओं का अभाव ही नजर आता है लेकिन अब इस योजना के नाम और उसे प्रचारित करने के भगवाकरण करके वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप समाजवादी पार्टी ने लगाया है।
वहीं सपा के प्रवक्ता जितेंद्र वर्मा का आरोप है सरकार सस्ती दवा तो नहीं उपलब्ध करवा पा रही है लेकिन जेनेरिक दवाओं के स्टेट को भी उसने भगवा रंग से रंग के अपने प्रचार का जरिया बना लिया है। सपा के आरोपों के मुताबिक इसके तहत बड़े-बड़े होर्डिंग लगाए गए हैं इन होर्डिंग और पोस्टरों में दूर से ही भगवा रंग में सिस्टम से लिखा हुआ भाजप नजर आता है। जबकि दवाइयों पर भी के पैकेटों पर भी यही स्थिति नजर आती है। समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता का आरोप है कि सरकार दवा को भी भगवा और अपने प्रचार का जरिया बना रही है।
हालांकि विपक्ष भाजपा सांसद अपनी सरकार की इस परियोजना का बचाव करते नजर आ रहे हैं। उनकी मांने तो भाजपा रंगों की राजनीति नहीं करती है यह तो विपक्ष है जो हर काम में रंग खोजकर उसे मुद्दा बना रहा है। योजना का असली मकसद लोगों को सस्ती दवाएं उपलब्ध करवाना है जो लोगों को मिल रही है और विपक्ष को इस परियोजना की सफलता रास नहीं आ रही है। उसे हर योजना में भगवाकरण दिखाई पड़ रहा है। योजना का उद्देश्य विपक्ष के लोगो को समझना चाहिए।
(रिपोर्ट-सुनील अर्कवंशी,हरदोई)