लखऩऊ–पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार मिश्रा ने छह साल की मासूम को टॉफी दिलाने के बहाने बहला फुसलाकर दुष्कर्म करने के बाद हत्या करने के दोषी ठहराए गए बबलू उर्फ अरफात को शुक्रवार को मृत्युदंड की सजा सुनाई है। साथ ही 40 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
दिनांक 15.09.19 को कश्मीरी मोहल्ला थाना सहादतगंज क्षेत्र से एक 6 वर्षीय बच्ची को अपहृत कर उसके साथ दुष्कर्म एवं हत्या की जघन्यतम घटना घटित हुई थी। घटना के बाद अथक प्रयास कर सड़क पर उतरी भीड़ को समझाकर कानून व्यवस्था की स्थिति को नियंत्रित किया गया और बवाल करने वाले लगभग 15 व्यक्तियों को चिन्हित कर उनके विरूद्ध अभियोग पंजीकृत कर एक की गिरफ्तारी की गई।
पुलिस द्वारा अत्यंत तत्परतापूर्वक कार्यवाही करते हुए मात्र कुछ घंटो के अंदर ही इस जघन्य घटना का अनावरण कर अभियुक्त राजू मिर्ज़ा पुत्र बच्चन मिर्ज़ा नि. गढ़ी पीर खान थाना ठाकुरगंज की तत्काल गिरफ्तारी करते हुए उसके घर के अन्दर से अपहृत बालिका का शव बरामद किया गया।
6 वर्षीय बालिका के अपहरण के पश्चात रेप व हत्या की उक्त जघन्य घटना को एक चैलेंज के रूप में लेते हुए पुलिस महानिरीक्षक लखनऊ रेंज एस. के. भगत द्वारा न्यायालय में समुचित पैरवी हेतु पुलिस अधीक्षक नगर पश्चिमी विकास चन्द्र त्रिपाठी के नेतृत्व में क्षेत्राधिकारी बाजार खाला अनिल कुमार तथा प्रभारी निरीक्षक बाजारखाला महेश पाल सिंह को निर्देशित किया गया। इस जघन्य अभियोग की विवेचना में वैज्ञानिक विधि से प्रभावी साक्ष्य संकलन के उपरांत मात्र 6 दिन में ही आरोप पत्र तैयार कर दिनांक 21.09.19 को न्यायालय प्रेषित कर दिया गया।
उक्त प्रकरण में तत्परतापूर्वक कार्यवाही करते हुए अभियुक्त को दिनांक 12.10.19 को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून ( रासुका -NSA ) में निरुद्ध किया गया। इसके बाद उक्त केस को उच्च प्राथमिकता पर लेते हुए अभियुक्त को सजा दिलाने हेतु न्यायालय में प्रभावी पैरवी करते हुए समयबद्ध रूप से सभी गवाहो का परीक्षण कराया गया | योजनाबद्ध रूप से विवेचना की कार्ययोजना तैयार करते हुए संकलित वैज्ञानिक साक्ष्य न्यायालय में प्रस्तुत किए गए | विवेचना में घटना स्थल तथा मृत बालिका के शव से प्रदर्श संकलित किए तथा डीएनए मैच कराया गया जिसका FSL से सकारात्मक परिणाम प्राप्त हुआ |
कल उक्त जघन्य अभियोग में माननीय विशेष न्यायाधीश पाक्सो अधिनियम / अपर सत्र न्यायाधीश 16 लखनऊ द्वारा अभियुक्त को मृत्यु दण्ड की सजा सुनाई गई | इस पूरे मामले में बड़ा योगदान देने वाले जिला शासकीय अधिवक्ता मनोज त्रिपाठी ने कहा कि इस पूरे मामले में अभियोजन पक्ष का भी काम बढ़िया रहा। सरकार ऐसे मामलों को जल्द से जल्द पूरा करके पीड़ित लोगों को न्याय दिलाने के लिए कटिबद्ध है।