लखनऊ— लोकसभा चुनाव 2019 में उत्तर प्रदेश में नरेंद्र मोदी को मात देने के लिए राजनीति में धुरविरोधी माने जाने वाले बहुजन समाज पार्टी व समाजवादी पार्टी एक जंग के रूप में लिया है.लखनऊ के विख्यात गेस्ट हाउस कांड को भूलकर दोनों दल 25 वर्ष बाद एक बार फिर साथ हो गए हैं.
मायावती और अखिलेश की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में गठबंध घोषाणा की.लखनऊ के गोमती नगर स्थित होटल ताज में हुई इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में सपा और बसपा ने यूपी की 38-38 सीटों पर लड़ने का ऐलान किया है. इसके अलावा दो सीटें अन्य सहयोगियों के लिए छोड़ी गई हैं. ये दल कौन से होंगे, इसका खुलासा नहीं किया गया है.गठबंधन की तरफ से कांग्रेस के लिए दो सीटें रायरबेली और अमेठी की छोड़ी गई हैं. मायावती ने इस दौरान साफ किया कि उनका कांग्रेस से कोई गठबंधन नहीं है, वह बस सीटें छोड़ रही हैं.
वहीं मायावती ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि पहले कांग्रेस राज में घोषित इमरजेंसी थी, अब बीजेपी के राज में अघोषित इमरजेंसी है. बसपा और सपा को पता है कि कांग्रेस के साथ चुनाव लड़ने का कोई फायदा नहीं होता है. यही नहीं उलटे हमारा वोटिंग परसेंटेज कम हो जाता है.माया ने कहा कि बीजेपी ने घबराकर अखिलेश यादव को सीबीआई मामले पर फंसाने का काम कर रही है. बीजेपी के इस काम से गठबंधन और मजबूत हो गया है.
इसके अलावा अखिलेश यादव ने सपा कार्यकर्ताओं को नसीहत देते हुए कहा कि आदरणीय मायावती का सम्मान मेरा सम्मान है और अगर कोई भी मायावती का अपमान करता है तो वो मेरा अपमान होगा. हमें संयम और धैर्य से काम लेना है. बीजेपी के हर षड्यंत्र को बेकार करना है.