आजादी के 71 साल बाद यूपी के इस गांव में पहुंची बिजली,ग्रामीणों के खिले चेहरे

न्यूज डेस्क — जहां एक ओर भारत आजादी का जश्न मना रहा है वहीं उत्तर प्रदेश एक गांव ऐसा भी है जो आजादी के 71 साल अधेरे में गुजारे और आज जाकर अधेरे से आजादी पाई. जी हां, हम बात कर हैं ग्रेटर नोएडा के लोधीपुरा गांव की है,

जहां गत शनिवार को प्रधानमंत्री सौभाग्य योजना के तहत पहली बार बिजली ही नहीं पहुंची, बल्कि पूरा गांव पहली बार बिजली के बल्ब की रोशनी से गुलजार हुआ है. दिलचस्प बात यह है कि लोधीपुरा गांव राजधानी दिल्ली से महज 5 किमी दूर है और गांव के निकट दादरी NTPC पावर प्लांट भी मौजूद है, बावजूद इसके लोधीपुरा बिजली की रोशनी से अब तक दूर थी.

वहीं लोधीपुरा गांव में जब शनिवार रात पहली बार बिजली पहुंची ग्रामीणों के चहरे पर खुशी देखते ही बनती थी अब पूरा गांव खुश है. बताया जा रहा है कि आजादी के 70 साल के इंतजार के बाद लोधीपुरा गांव में बिजली की सप्लाई बहाल हुई है. घर के आंगन में बिजली के बल्ब से फैली रोशनी से गांव के वाशिंदे काफी खुश नज़र आ रहे हैं.

बता दें कि शनिवार को केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री की सौभाग्य योजना के तहत लोधीपुरा गांव में निःशुल्क कनेक्शन देकर बिजली चालू की गई है.इस दौरान दादरी विधायक और बिजली विभाग के अधिकारियों ने गांव के कुल 14 परिवारों को निःशुल्क बिजली कनेक्शन दिए और इसके साथ ही बिजली की सप्लाई शुरू की गई.

वहीं गांव वाले बताते हैं कि उनके गांव से करीब डेढ़ किलोमीटर दूरी पर बसे रानी लतीफपुर गांव में बिजली के बल्ब जलते है, लेकिन उन्हें पिछले 70 वर्षों से लालटेन के सहारे जिंदगी काटने के लिए मजबूर होना पड़ा. गुर्जर बाहुल्य लोधीपुरा गांव में बिजली जैसी मूलभूत सुविधा नहीं होने से लोग दूसरी जगहों पर पलायन कर गए. बताया जाता है अभी वर्तमान में लाधीपुरा गांव कुल 15 परिवार ही रह रहे हैं.

उल्लेखनीय है लोधीपुरा गांव में 35 साल पहले करीब 25 परिवार बसते थे, लेकिन बिजली नहीं होने से 10 परिवार लोधीपुरा से धीरे-धीरे जाकर दूसरे गांवों में बस गए, जिनके मकान आज भी लाधीपुरा गांव में खाली पड़े हैं. हालांकि गांव में बिजली पहुंचने की सूचना पाते ही पलायन कर चुके लोग वापस गांव लौटने का विचार करने लगे हैं.

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