मां विंध्यवासिनी के भक्तों के लिए एक बहुत बड़ी खुशखबरी है। बता दें कि मां विंध्यवासिनी के दर्शन-पूजन के श्रद्धालुओं की सुविधाओं को देखते हुए प्रशासन ने नियमों में बदलाव किया है। दरअसल, अब तक मां विंध्यवासिनी के भक्तों को दूर से ही दर्शन नसीब होते थे, लेकिन अब आने वाले सभी श्रद्धालुओं को मां के चरण छू कर आशीर्वाद लेने का सुभाग्य प्राप्त होगा। आइये आपको बताते है मां विंध्यवासिनी के दर्शन पूजा में क्या नया बदलाव हुआ है।
अब ऐसे मिलेगा मां विंध्यवासिनी के भक्तों को दर्शन:
बता दें कि अब तक भक्तों को मां विंध्यवासिनी के दूर से ही दर्शन होते थे। लेकिन विंध्य विकास परिषद एवं विंध्य पंडा समाज के संयुक्त पहल से अब विंध्याचल देवी धाम आने वाले दूर-दूर के श्रद्धालुओं को मां विंध्यवासिनी के दर्शन करने के साथ-साथ चरण स्पर्श की भी व्यवस्था रहेगी। यह व्यवस्था मंगला आरती यानी सुबह 5 बजे से 8 बजे सुबह तक रहेगी। वहीं भक्त पूर्णिमा और विशेष पर्व के साथ ही हर हफ्ते रविवार व मंगलवार को चरण स्पर्श नहीं कर सकेंगे।
पहले इस समय होता था मां का चरण स्पर्श:
दरअसल, पहले शाम 4 बजे से रात 12 बजे तक चरण स्पर्श करने की सहूलियत थी। लेकिन कोरोना काल में इसे पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया था। इस कारण दर्शन पूजन करने के साथ मां विंध्यवासिनी के चरण स्पर्श की लालसा से आने वाले भक्तों में निराशा दिखने लगी थी। वहीं भक्तों की उदासी को देखते हुए विंध्य पंडा समाज मां के चरण स्पर्श की अनुमति की निरंतर मांग करता आ रहा था। विंध्य पंडा समाज के अध्यक्ष ने बताया कि मंदिर में भीड़ का दबाव न बढ़े और लोगों की सहुलियत को ध्यान में रखते हुए यह प्रयोग किया जा रहा है। यदि यह प्रयोग सफल रहा तो इसको आगे बढाया जाएगा।
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