लखनऊ–पीएसी के जवान जल्द पैरामिलिट्री आरएएफ की तर्ज पर चित्तेदार नीले रंग की यूनिफॉर्म में नजर आएंगे। नागरिक पुलिस और पीएसी जवानों की खाकी रंग की यूनिफॉर्म से पहचान नहीं हो पाती थी। इससे पीएसी के जवानों की यूनिफॉर्म बदलने का फैसला लिया गया है।
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लॉकडाउन में कपड़ा और टेलरिंग की समस्या से अभी नई यूनिफॉर्म पहनने की तारीख तय नहीं हुई है। 1948 में पीएसी (प्रोविशियल आर्म्ड कांस्टेबुलरी) उत्तर प्रदेश सैन्य पुलिस और उत्तर प्रदेश राज्य सशस्त्र पुलिस को संयुक्त रूप से सात हजार जवानों और कर्मचारियों को मिलाकर दो बटालियन का गठन किया गया था।
डकैतों की गिरफ्तारी और कानून व्यवस्था में सफल प्रदर्शन के बाद धीरे-धीरे पीएसी का विस्तार हुआ। नागरिक पुलिस और पीएसी के जवानों की खाकी वर्दी में समानता से अक्सर जवानों की पहचान नहीं हो पाती है। दंगा और हिंसा के दौरान लोग पीएसी को थाना और स्थानीय पुलिस समझ लेते हैं।
इस पर अपर पुलिस महानिदेशक बीपी जोगदंड ने पीएसी जवानों की यूनिफार्म रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ)की तरह चित्तेदार नीले रंग की करने का फैसला लिया है। अपर पुलिस महानिदेशक पीएसी के नेतृत्व में कमेटी गठित की गई है। इसमें यूनिफार्म बदलने पर सहमति बनी। लॉकडाउन में कपड़े की खरीद और टेलरिंग की समस्या को देखते हुए नई यूनिफार्म पहनने की तारीख तय नहीं हुई है।