6 दिसंबर को लेकर प्रशासन अलर्ट,सोशल मीडिया पर भी रहेगी पैनी नजर

लखनऊ — अयोध्या में बाबरी मस्जिद का ढांचा गिराए जाने की बरसी यानी 6 दिसम्बर को मुस्लिम समाज के कुछ लोग यौम-ए-गम के रूप में मनाएंगे। जिसको लेकर प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट है. प्रशासन ने मस्जिदों के इमाम एवं मंदिरों के पुजारियों धर्माचार्यों से शांतिपूर्ण वातावरण कायम रखने की अपील की.वहीं अराजक तत्वों से सख्ती से निपटने के भी संकेत दिए.

वहीं मस्जिद के पक्षकार रहे हाजी महबूब ने बताया कि हर साल की तरह इस साल भी उनके आवास पर यौम-ए-गम का कार्यक्रम आयेाजित होगा लेकिन इस दिन को ‘ब्लैक डे’ के तौर नही मनाया जाएगा. बताया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार याचिका 6 दिसम्बर को दायर की जा सकती है. वकील जफरयाब जिलानी इस दिन दिल्ली में रहेंगे और इसलिए वह अयोध्या में आयोजित यौम-ए-गम कार्यक्रम में शमिल नहीं होंगे.वहीं, दूसरी ओर वीएचपी ने शौर्य दिवस के कार्यक्रम को निरस्त कर दिया है.हालांकि, संतों ने शाम को लोगों से स्वेच्छा से अपने घरों मे दीप जलाने की अपील की है.

उधर सुरक्षा को देखते हुए सीओ अयोध्या अमर सिंह के मुताबिक जोन और सेक्टर में पुलिस और मैजिस्ट्रेटों की तैनाती कर दी गई है. पूरे शहर को 4 जोन और सेक्टरों में बांट कर सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी गई है. साथ ही संवेदनशील स्थलों पर विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं.विवादित परिसर को जाने वाले रास्तों पर चेक पोस्ट बना कर चेकिंग की जा रही है.जनपद में धारा-144 लागू है. इसलिए बिना अनुमति के किसी भी प्रकार के जुलूस, सभा, रैली पर पूरी तरह रोक है.इसके अलावा सोशल मीडिया पर पुलिस की पैनी नजर रहेगी.यदि किसी ने तो उस पर आईपीसी की धारा-188 के तहत कार्रवाई की जाएगी.

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