वाराणसी– बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी बेटी प्रतिभा के साथ देव दीपावली देखने काशी पहुंच गए हैं। सर्किट हाउस में आराम करने के बाद शाम 5 बजे वो भैसासुर घाट जाएंगे।
बताया जा रहा है कि वहां कुछ देर दीपोत्सव देखने के बाद बोट से गंगा में भ्रमण करते हुए राजेंद्र प्रसाद और दशाश्वमेध घाट आएंगे। भोर में काशी विश्वनाथ मंदिर की मंगला आरती में भी शामिल हो सकते हैं।
तीर्थ पुरोहित और गंगा आरती आयोजक पंडित पंकज उपाध्याय ने बताया, ”महारानी अहिल्याबाई ने सबसे पहले साल 1785 के आसपास काशी के पंच गंगा घाट पर एक हजार और 500 दीपों का स्तंभ बनवाया था।” इस स्तंभ को कार्तिक पूर्णिमा के दिन आज भी जलाया जाता है। देव दीपावली और गंगा आरती की शुरुआत इसी घाट से हुई थी। नब्बे के दशक में पंच गंगा घाट पर देव दीपावली की भव्यता को देखते हुए 1991 में स्व. सतेंद्र मिश्रा द्वारा राजेंद्र प्रसाद घाट पर पांच ब्राह्मणों के जरिए आरती शुरू की गई। जो अब 21 ब्राह्मणों से करवाकर वर्ल्ड फेम बन गई। साथ में स्थानीय लोगों ने लाखों दीपों से घाटों को सजाने का काम किया। मान्यता के अनुसार, आज भी पंच गंगा घाट पर कार्तिक पूर्णिमा को सभी देवगण गंगा स्नान कर, देव दीपावली में शामिल होते हैं।
,