आगरा–उत्तर प्रदेश के आगरा में एक ऐसा भी गांव है जहां रहने वाले मुस्लिम समुदाय के लोग हर ईद की दुआओं में अपने लिए रुपया पैसा या खुशी नहीं बल्कि कब्रिस्तान मांगते हैं। आलम यह है कि जिला प्रशासन को कई बार पत्र लिखने के बाद भी गांव वालों को कब्रिस्तान के लिए जमीन नहीं मिल पाई है।
जानकारी के मुताबिक मामला ताजनगरी आगरा-जयपुर मार्ग पर स्थित किरावली तहसील के अछनेरा इलाके का है। जहां 6 पोखर गांव में कोई भी कब्रिस्तान नहीं है और सरकार ने भी इनके लिए कोई जगह उपलब्ध नहीं कराई है।गांव में जो थोड़ी सी जमींन थी भी वो तालाब में तब्दील चुकी है, इसी वजह से यदि किसी व्यक्ति की मौत होती है तो उसको घर के पिछले हिस्से में दफनाना पड़ता है।
वही गांव के प्रधान सुंदर सिंह ने बताया कि हम लोगों ने एसडीएम से लेकर डीएम तक गुहार लगाई, लेकिन अभी तक कोई ठोस आश्वासन जिला प्रशासन की तरफ से नहीं मिला हैं। उन्होंने कहा कि घर में कब्र होने के चलते बच्चे और महिलाएं आए दिन डरकर बीमार भी होते रहते हैं। इसलिए योगी सरकार से मांग की गई है कि जल्द से जल्द ग्राम समाज की चिह्नित जमीनों में से कोई भी जमीन कब्रिस्तान के लिए आवंटित करने का आदेश पारित करें।
इस मामले में एसडीएम अरूण कुमार का कहना है कि मामला हमारे संज्ञान में आया है। उक्त गांव में कब्रिस्तान के लिए जमीन सरकारी अभिलेखों में भी दर्ज नहीं है और जो जमीन पहले मौजूद थी, वह अब तालाब में बदल चुकी है। उन्होंने बताया कि शासन को दूसरा प्रस्ताव भेजा जा रहा है ताकि जल्द से जल्द गांववालों को कब्रिस्तान के लिए जगह मिल सके।
गौरतलब है आजादी के बाद प्रदेश में कितनी सरकारें आईं, लेकिन इन गांव वालों की समस्या जस की तस बनी हुई है किसी ने भी गंभीरता से नहीं लिया। हालांकि चुनाव के दौरान वोट की खातिर नेताओं ने झूठे वादे जरूर किए पर वापस नहीं लौटे. हालांकि सूबे की योगी सरकार से गांव वालों को उम्मीद है कि उन्हें कब्रिस्तान के लिए दो गज जमीन अब जरूर उपलब्ध हो जाएगी।