औरैया--तेजी से गहराते जल संकट के बीच सरकारी तंत्र की रुचि कागजी परियोजनाओं तक सिमट कर रह गई है। कानून बनाने या सर्वेक्षण कराने अथवा आकलन की कवायद ही ज्यादा होती रही
लेकिन लगातार वाटर लेबल डाउन होने से लोगों पर पेयजल का भारी संकट पैदा हो गया है।बुंदेलखंड के बाद अब औरैया जनपद के कई क्षेत्रो में पानी का संकट गहरा गया है औरैया जिले के अजीतमल ब्लॉक के बेरिकपरिया गांव के वासिंदे पिछले 2 महीने से पानी की किल्लत से अपना जीवन चला रहे है।
औरैया के अजीतमल ब्लॉक के गांव बेरिकपरिया में लगभग आबादी 1100 है और इनकी प्यास बुझाने के लिए सरकार ने 56 हैंडपंप लगवाए थे, जिससे सभी को पानी मिल सके।लेकिन भीषण गर्मी ने पानी का वाटर लेबिल कम कर दिया, जिससे सभी हैंडपम्पों से पानी निकलना बंद हो गया।कहते है ‘पानी नही तो जीवन की कहानी नही’ बस इसी कहानी को बढ़ाने के लिए गांव वालों ने एकत्रित होकर जिला प्रशासन से खराब पड़े हैंडपंपों को सही कराने के लिए लिखित में अपनी शिकायत दर्ज कराई।लेकिन उन वातानुकूलित कमरों में बैठे अफसरों को उन परेशान गाँव वालों की समस्या आम नजर आयी और उन्होंने भी संबंधित विभाग जल निगम को जाँच सौप दी।लेकिन आज वह जाँच तीन माह में उन खराब पड़े हैंडपम्पों को सही नही करवा पायी।
जब परेशान गांव वालों ने देखा कि जिले का बहरा और अंधा प्रशासन उनके परेशानी पर नजर नही डाल रहा है तो गांव वालों ने अपनी मेहनत की कमाई को।एकत्रित कर एक हैंडपंप लगवाया,जिससे पूरा गांव लाइन लगाकर उस हैडपंप के पानी से अपना काम चला रहा है।
जब इस मामले की बात जल निगम के अधिशासी अभियंता अनुराग गौतम से की गई तो उन्हीने भी हैंडपंप खराब होने की बात स्वीकारी लेकिन जाँच कराकर सही करवाने का कोरम पूरा कर दिया।
(रिपोर्ट – वरुण गुप्ता , औरैया )