फर्रुखाबाद-– फर्रुखाबाद में गंगा व रामगंगा में बाढ़ हर वर्ष आती है। गंगा का जलस्तर स्थिर होने के बाद भी तटवर्ती गांवों में बाढ़ का पानी भरा हुआ है। जिससे ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
सबसे ज्यादा परेशानी उन गांवों हो रही जो बाढ़ के पानी से घिरे है। गाँवो का मुख्य मार्ग से संपर्क कट चुका है। प्रशासन ने आने जाने के लिए नाव लगा दी है लेकिन उन नावों पर कोई भी नाविक नही है गांव वाले मजबूर होकर खुद नाव चला रहे है।जिसका मुख्य कारण यह है कि नाव चालको को उनकी पिछले वर्ष मेहनत नही दी गई उसी बजह से कोई भी नाविक नाव चलाने गाँवो में नही जा रहा है । कई दिनों से बाढ़ का पानी भरा रहने से गन्ने की फसल खराब हो रही है।
जोगराजपुर,रामपुर,कंचनपुर,सुंदरपुर,कछुआ गाड़ा, उदयपुर,आशा की मड़ैया,तीसराम की मड़ैया सहित 70 गांव ऐसे है जिनको बाढ़ के पानी ने चारों तरफ से घेर लिया है इन गांवों का सम्पर्क मुख्य मार्ग से कट चुका है आने जाने का एक मात्र सहारा है केवल नाव उसको भी चलाने वाला नही है।वही इन सभी गांव के पढ़ने वाले छात्र छात्राएं अपने घरों में कैद है जो स्कूल जाते है वह नाव खुद चलाकर जाते है लेकिन घर वालो को डर बना रहता जब तक वह बापस घर नही आ जाते है।इन गांवों में अधिकारी भी नाव पर बैठकर नही जाते क्योकि वहां नाविक नही है आखिर जब जिलाधिकारी ने आदेश दिए थे वह कर्मचारी क्यो नही मान रहे है।जिसका मुख्य कारण किसी भी कर्मचारी को बार बार गलती करने के बाबजूद कोई कार्यवाही नही की जाती है सिर्फ जांच के नाम पर खाना पूर्ति की जाती है।
गाँवो वालो का कहना कि गांव में कोई भी डॉक्टर नही आता है क्योंकि उनको भी डर सता रहा है कही गांव में दवा वितरण करने गए तो बाढ़ के पानी मे गिर सकते है जब उनको इतना डर लगता है तो हम लोग 24 घण्टे पानी मे ही रहते है।उसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि हम लोग कैसी जिन्दकी जी रहे है।यदि गांव में कोई बीमार हो जाता है तो नाव चलाने वाला न होने के कारण जिस मरीज को एक घण्टे में अस्पताल पहुंचाया जा सकता है उसके टीन से चार घण्टे लग जाते है।खाने का जो सामान आया वह भी एक हफ्ते से ज्यादा नही चल सका बाढ़ पूरे तीन माह तक बनी रहती है। राशन केवल एक माह का दिया जा रहा है।
(रिपोर्ट-दिलीप कटियार,फर्रूखाबाद)