बहराइच–मनरेगा में धांधली का खेल रुकने का नाम नहीं ले रहा है। शिवपुर में आवास बनाने वाले मजूदरों के खाते में मजदूरी का 9.81 लाख रुपये भेजा गया था। लेकिन यह पैैसा मनरेगा के दो एपीओ और कंप्यूटर आपरेटर ने आनलाइन हुजूरपुर के खातों में भेज दिया।
बीडीओ द्वारा कराई गई जांच के बाद पूरा खेल सामने आया। जिसके बाद अधिकारी हैरत में आ गए। शिवपुर के लेखाकार की तहरीर पर खैरीघाट पुलिस ने जालसाजी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज कर लिया है। मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
विकास खंड शिवपुर में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सोहबतिया गांव शांती पत्नी दुर्गाराम को मजदूरी का भुगतान किए जाने के लिए धनराशि भेजी गई थी। लेकिन उसने खाते में पैसा नहीं आने की जानकारी दी। जानकारी होने पर खंड विकास अधिकारी सीबी यादव ने मामले की जांच शुरू कराई। जिसमें पता चला कि जिस खाते में पैसा भेजा गया है, वह हुजूरपुर के कटघरी सुग्रीव सिंह निवासी विनीता पत्नी बजरंग के नाम पर है। इस खाते में मई माह से लेकर अगस्त माह तक कई बार धनराशि भेजे जाने का खुलासा हुआ। संदेश पैदा होने पर बीडीओ ने एक अप्रैल 2019 से लेकर 30 सितंबर तक आनलाइन भेजे गए सभी पैसे की जांच शुरू करा दी। जांच के दौरान पता चला कि अलग-अलग छह खातों में 9.81 लाख रुपये भेजे गए हैं। यह सभी खाते विकास खंड हुजूरपुर के थे।
बीडीओ के निर्देश पर लेखाकार बसंत लोहमी ने हुजूरपुर के अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी मनरेगा जितेंद्र सिंह व प्रमोद यादव और कंप्यूटर आपरेटर गौतम के खिलाफ खैरीघाट थाने में तहरीर दी है। लेखाकार ने दी गई तहरीर में कहा है कि इन सभी के द्वारा शिवपुर में एमआईएस फीडिंग का कार्य किया जा रहा था। जिसमें मेरे डोंगल और यूजर आईडी व पासवर्ड का दुरुपयोग करते हुए धनराशि भेजी गई है। प्रभारी निरीक्षक अरुण द्विवेदी ने बताया कि सभी के खिलाफ धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज कर लिया गया है। पूरे मामले की जांच पुलिस क्षेत्राधिकारी महसी शंकर प्रसाद द्वारा की जाएगी।
(रिपोर्ट-अनुराग पाठक, बहराइच)