न्यूज डेस्क — गुजरात के कच्छ की भुज तहसील में शर्मसार कर देने वाला एक मामला सामने आया है. भुज के एक गर्ल्स इंस्टीट्यूट के संचालकों ने छात्राओं को कपड़े उतरवाकर पीरियड्स की जांच कराने के लिए मजबूर किया. यही नहीं, इंस्टीट्यूट संचालकों ने किसी भी तरह के आरोपों से बचने के लिए छात्राओं से अपने समर्थन में हस्ताक्षर भी करवा लिए. इंस्टीट्यूट की महिला संचालकों ने छात्राओं को चेतावनी भी दी कि विरोध करने पर उन्हें कॉलेज छोड़ना पड़ेगा. इसके बाद छात्राओं ने घटना का विरोध कर संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. राष्ट्रीय महिला आयोग ने मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए जांच टीम गठित कर दी है.
एक-एक स्टूडेंट के कपड़े उतरवाकर की जांच
दरअसल, भुज के श्री सहजानंद गर्ल्स इंस्टीट्यूट (SSGI) की छात्राओं का आरोप है कि उन्हें 12 फरवरी को क्लास से बाहर निकालकर बैठाया गया. उनके मुताबिक, प्रिंसिपल ने उन्हें क्लास से निकलवाया था. पीरियड्स के बारे में पूछताछ के बाद एक-एक छात्रा को जांच के लिए वॉशरूम में बुलाया गया. जहां उनके कपड़े उतरवाकर पीरियड्स की जांच की गई. इसका विरोध करने पर संचालकों ने कुछ छात्राओं को कार्यालय में बुलाकर धमकी देने के साथ ही इमोशनल ब्लैकमेल भी किया. संचालकों ने कहा कि अगर उन्हें संचालकों के प्रति सम्मान की भावना हो तो किसी भी प्रकार का विरोधी कदम न उठाएं.
राष्ट्रीय महिला आयोग ने इनरवियर उतरवाने के इस मामले में स्वत: संज्ञान लिया है. आयोग ने इस मसले की जांच के लिए एक टीम गठित की है. इस टीम से इंस्टीट्यूट जाकर घटना की जानकारी देने को कहा गया है. यह टीम स्टूडेंट्स से बात करेगी. वहीं, गुजरात राज्य महिला आयोग ने राज्य पुलिस को मामले की जांच के आदेश दिए हैं. बता दें कि इस इंस्टीट्यूट को भुज का स्वामीनारायण मंदिर (Swaminarayan Temple) चलाता है. इंस्टीट्यूट में नियम है कि पीरियड्स के दौरान कोई भी स्टूडेंट रसोई या मंदिर में नहीं जाएगी. यहां तक कि उन्हें साथी स्टूडेंट्स को भी छूने की मनाही है.