लखनऊ — राजधानी लखनऊ शहर के अलीगंज में 1994 में हुई गोपाल मिश्रा की हत्या के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश स्वप्ना सिंह ने तत्कालीन डिप्टी मेयर अभय सेठ, अलीगंज व्यापार मंडल के तत्कालीन महामंत्री अशोक मिश्र और दो पुलिस कर्मियों को उम्रकैद की सजा सुनाई।
दोनों पुलिसकर्मी कांस्टेबल रामचंदर सिंह चंदेल और शिवभूषण तिवारी घटना के समय अलीगंज थाना में तैनात थे। अदालत ने चारों दोषियों पर 10-10 हजार का जुर्माना भी लगाया है।अभियोजन पक्ष के अनुसार 26 फरवरी, 1994 की दोपहर एक बजे गोपाल मिश्रा को थाना अलीगंज के चौधरी टोला इलाके में पुलिस ने एक मुठभेड़ में मार गिराने का दावा किया था। वहीं, तत्कालीन मुख्यमंत्री के आदेश के बाद इस घटना की जांच की गई थी।
जांच सीबीसीआईडी के सौंपी गयी थी, जिसने अपनी जांच रिपोर्ट में पुलिस की मुठभेड़ को फर्जी बताया और इसे सुनियोजित हत्या का मामला बताया था। अदालत में अभियोजन की ओर से कुल 13 गवाह पेश किए गए। इन गवाहों में मृतक की मां अम्बेश्वरी मिश्रा भी शामिल थी।