मध्य प्रदेश के इंदौर में गुरुवार को हुए हादसे में बावड़ी से अब तक 36 शव निकाले जा चुके हैं. वहीं सर्च ऑपरेशन लगातार जारी है. इंदौर संभाग के आयुक्त ने बताया है कि NDRF के बाद सेना ने भी मोर्चा संभाल लिया है. रात में बावड़ी से 20 लाशें निकाली गईं. रामनवमी के दिन गुरुवार को दिन में लगभग 11:30 बजे ये हादसा हुआ था, जिसने पूरे देश को हिला कर रख दिया. इस हादसे में एक दो नहीं बल्कि अब तक 36 जानें जा चुकी हैं.
इंदौर हादसे को लेकर श्री बालेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं पूर्व पार्षद सेवाराम गलानी और सचिव श्रीकांत पटेल और कुमार सबनानी के खिलाफ धारा 304 के तहत एफआईआर (FIR) दर्ज की गई है. इंदौर पुलिस कमिश्नर मकरंद देउसकर ने कहा कि इस मामले में न्यायिक जांच के आदेश हो गए हैं, इसलिए अभी किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है.
रेस्क्यू ऑपरेशन में एनडीआरएफ की 140 लोगों की टीम जुटी हुई है, जिसमें 15 जवान एनडीआरएफ के 50 जवान एसडीआरएफ और 75 जवान आर्मी के मिलकर रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहे हैं. इंदौर जिले के महू आर्मी हेडक्वार्टर से आर्मी जवानों का दल भी रात में घटनास्थल पर पहुंचा. आर्मी के मौके पर पहुंचने के बाद लाशों का निकलने की गति तेज हुई. जिसमें पूरी रात ऑपरेशन चलाने के बाद 20 शव निकाले गए.
गुरुवार शाम तक जिन 18 लोगों का रेस्क्यू किया गया था. इनमें दो को उपचार के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया, बाकी सभी का इलाज अस्पतालों में चल रहा है. जिन लोगों की शिकायतें मिली, उस हिसाब से अभी भी 2 लोग मिसिंग हैं.
रेस्क्यू ऑपरेशन में आ रही परेशानियां
रेस्क्यू ऑपरेशन में एक दिक्कत यह भी आ रही है कि जब पानी कुएं से पूरा खाली कर दिया जाता है, तो आधे घंटे में ही फिर से चार से पांच फीट तक पानी कुएं में भर जाता है. जिसके चलते पानी खाली करने के लिए फिर इंतजार करना पड़ता है और फिर दोबारा रेस्क्यू ऑपरेशन चलाना पड़ता है. रेस्क्यू आपरेशन लगभग 40 फीट गहरे बावड़ी में चलाया जा रहा है.
गौरतलब है कि इंदौर शहर के एक बगीचे में बने बालेश्वर महादेव मंदिर में यह हादसा गुरुवार को हुआ था. इस मंदिर में अवैध रूप से कुएं की बावड़ी को सीमेंट के स्लैब से ढक दिया गया था और उसी पर हवन कुंड बना दिया गया था. उसी हवन कुंड पर बैठकर हादसे का शिकार हुए लोग हवन कर रहे थे, तभी अचानक कुएं में यह स्लैब गिरा. जिससे यह दर्दनाक हादसा सामने आया,
नगर निगम ने जारी किया था नोटिस
एक साल पहले इस बगीचे में बने निजी मंदिर की जब क्षेत्र वासियों द्वारा शिकायत की गई थी, तो नगर निगम ने बकायदा एक नोटिस भी मंदिर ट्रस्ट को जारी किया था. लेकिन मंदिर ट्रस्ट ने आरोप लगा दिया कि धार्मिक भावनाएं नगर निगम द्वारा आहत की जा रही हैं. नगर निगम ने जो नोटिस जारी किया था, वह नोटिस भी इस हादसे के बाद सामने आया है.
सीएम शिवराज ने किया मुवाजे का ऐलान
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पूरी घटना की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं. उन्होंने हादसे में मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और प्रत्येक घायलों को 50000 रुपये की मदद देने का ऐलान किया है. घायलों के इलाज का सारा खर्च राज्य सरकार उठाएगी. इसके अलावा पीएम राष्ट्रीय राहत कोष से 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि प्रत्येक मृतक के परिजनों को दी जाएगी, जबकि प्रत्येक घायल को 50,000 रुपये उसी कोष से दिए जाएंगे.
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