लखनऊ — उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने 26 लाख कर्मचारियों व पेंशनरों जोर का झटका दिया है। सातवें वेतनमान के एरियर की बाट जोह रहे 26 लाख कर्मचारियों व पेंशनरों को एरियर की पहली किस्त चालू वित्तीय वर्ष 2017-18 में नहीं मिलेगी।
अब पहली किस्त का भुगतान वित्त वर्ष 2018-19, वहीं दूसरी किस्त का भुगतान 2019-2020 में होगा। इस संबध में वित्त सचिव ने शुक्रवार को शासनादेश जारी कर दिया।बता दें कि तत्कालीन अखिलेश सरकार ने एक जनवरी 2017 से नई वेतन मैट्रिक्स लागू करने की मंजूरी देते हुए एक जनवरी से 31 दिसंबर 2016 तक के एरियर का भुगतान दो समान किस्तों में करने का फैसला लिया था।जिसमे पहली किस्त का भुगतान 2017-18 व दूसरी किस्त का भुगतान 2018-19 में दिया जाना था।लेकिन योगी सरकार आई तो उसने अपनी पहली प्राथमिकता में किसानों की कर्जमाफी को शामिल किया। इसके चलते एरियर के भुगतान में देरी हो रही है।
7वें वेतन के लिए 7000 करोड़ की होगी जरुरत..
दरअसल किसानों की कर्जमाफी के बोझ से दबी योगी सरकार प्रदेश के 26 लाख कर्मचारियों व पेंशनरों के सातवें वेतनमान का एरियर की पहली किस्त 7000 करोड़ रुपये का इंतजाम नहीं कर पाई। इस पर शासन के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि किसानों की कर्जमाफी की कार्यवाही अभी भी जारी है।
दूसरी ओर जीएसटी की वजह से राज्य सरकार को राजस्व भी कम आ रहा है। ऐसे में चालू वित्तीय वर्ष 2017-18 में एरियर भुगतान की गुंजाइश नहीं बन पा रही है। लिहाजा सरकार ने आगामी वित्तीय वर्ष 2018-19 से भुगतान का फैसला किया है। हालांकि यह तय होना बाकी है कि अगले वित्त वर्ष में सरकार किस महीने में एरियर का भुगतान करेगी।
गौरतलब है कि पूर्व अखिलेश यादव ने सातवें वेतनमान के एरियर की पहली किस्त का भुगतान 2017-18 व दूसरी किस्त का भुगतान 2018-19 में करने को कहा था। साथ ही यह भी तय किया था कि दोनों वित्त वर्ष में एरियर की किस्त का भुगतान माह अक्तूबर के पहले नहीं किया जाएगा। बता दें कि प्रदेश में राज्य कर्मचारी–8.5 लाख, शिक्षक–5.5 लाख, शिक्षणेतर कर्मचारी–1.0 लाख जबकि पेंशनर–11 लाख है।