बहराइच — घाघरा नदी के पानी को और स्वच्छ करने के साथ ही घड़ियालों की संख्या में वृद्घि करने के लिए शनिवार को कुकरैल पुर्नवास केंद्र लखनऊ से 25 नन्हें घड़ियालों को लाकर घाघरा नदी में छोड़ा गया।
इस दौरान ग्रामीणों के साथ वन विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहे। डिब्बों के खुलते ही नन्हें घड़ियाल घाघरा में तैरने लगे। यह देख मौके पर मौजूद लोग रोमांचित भी हुए।
घड़ियालों का नाम आता है तो कतर्नियाघाट संरक्षित वन क्षेत्र की गेरुआ नदी का दृश्य जेहन में कौंधने लगता है। लेकिन अब घाघरा नदी में भी घड़ियालों की संख्या बढ़ाने में वन विभाग जुट गया है। उसी के तहत कुकरैल पुर्नवास केंद्रलखनऊ से शनिवार को 25 नन्हें घड़ियाल विशेेष डिब्बों की सहायता से जरवलरोड के घाघरा नदी के तट पर लाए गए। बाराबंकी वन प्रभाग के एसडीओ एसके तिवारी की अगुवाई में नन्हें घड़ियालों को शनिवार देर शाम घाघरा नदी के तट पर लाया गया। इस दौरान रामनगर के वन क्षेत्राधिकारी सुबोध कुमार, फतेहपुर के आरसी भट्ट, वन दरोगा अवधेश कुमार द्विवेदी, विनीत जायसवाल, सिपाही मुन्ना व गुल्ले ने विशेष डिब्बों में बंद नन्हें घड़ियालों को नदी में छोड़ने के लिए जैसे ही डिब्बा खोला।
नन्हें घड़ियाल नदी के पानी में तैरने लगे। एसडीओ एसके तिवारी ने कहा कि घाघरा नदी में घड़ियालों की संख्या में वृद्घि करने के साथ ही नदी के पानी को स्वच्छ रखने के लिए 25 नन्हें घड़ियाल छोडे गए हैं। उन्होंने कहा कि नदी का जल स्वच्छ बनाने में घड़ियालों की बड़ी भूमिका होती है। इस मौके पर मौजूद ग्रामीणों को घड़ियालों की सुरक्षा और संरक्षा के टिप्स भी सुझाए गए।
(रिपोेर्ट-अनुराग पाठक,बहराइच)