न्यूज़ डेस्क– वित्त मंत्री अरुण जेटली ने देश के सामने अपना चौथा बजट पेश कर दिया है। सरकार ने स्वास्थ्य, शिक्षा में सेस 1 फीसदी बढ़ाकर 3% से 4% कर दिया है। इस बढ़ोतरी का असर स्वास्थ्य, शिक्षा से लेकर सभी क्षेत्रों पर पड़ने वाला है।
सेस के साथ ही मोबाइल और टीवी जैसे उपकरण भी महंगे होंगे क्योंकि कस्टम ड्यूटी बढ़ा दी गई है। सेस बढ़ाने के कारण इनकम टैक्स पर भी असर पड़ेगा क्योंकि इनकम टैक्स पर 1 फीसदी टैक्स लगेगा। इनकम टैक्स में कोई बदलाव नहीं किया गया है जिस वजह से मिडिल क्लास को एक और मार पड़ी है। नौकरीपेशा लोगों को सिर्फ टैक्स की आय में 40 हजार घटाकर टैक्स देना होगा।
शेयर बाजार को रास नहीं आया बजट :
मोदी सरकार का आखिरी पूर्ण बजट शेयर बाजार को रास नहीं आया है। पूंजी बाजार से कुछ दीर्घकालिक पूंजी लाभ (लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स) पर 10 फीसदी टैक्स की घोषणा के तुरंत बाद शेयर बाजार में भारी गिरावट देखी गई। शॉर्ट टर्म कैपिटल टैक्स 15 फीसदी ही रहेगा। LTCG के साथ मौजूदा सिक्यॉरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स (STT) भी जारी रहेगा। जानकारों को उम्मीद थी कि सरकार लॉन्ग टर्म की परिभाषा बदल लकती है, लेकिन वित्त मंत्री ने इसमें बदलाव की जगह 10 फीसदी टैक्स लगाने का फैसला किया। गुरुवार को सरकार द्वारा लोकलुभावन बजट की उम्मीद में शेयर बाजार ने अच्छी शुरुआत की है। बजट से पहले सेंसेक्स 36,100 अंकों के पार पहुंचा वहीं निफ्टी 11,000 के आकंड़े को पार कर गया था। इसके अलावा टैक्स दर में कोई बदलाव नहीं होने की वजह से भी शेयर बाजार को झटका लगा है। शेयर बाजार बजट भाषण खत्म होने से ठीक पहले 416 अंक यानी 1.16 फीसदी फीसदी गिरावट के साथ 35548 अंकों पर आ गया।