राजस्थान में राजनीतिक संकट गहरता ही जा रहा है. सचिन पायलट की चुनौती गहलोत के लिए अभी भी पहेली बनी हुई है. अशोक गहलोत अपने 45 साल के राजनीतिक करियर में इस वक्त की सबसे बड़ी सियासी परीक्षा से गुजर रहे हैं.
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सत्ता और विपक्ष के विधायकों को अब 14 अगस्त का बेसब्री से इंतजार है, जिस दिन विधानसभा के सत्र की शुरुआत होनी है. इस बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और बागी सचिन पायलट के समर्थक विधायक अलग-अलग होटलों में दिन गुजार रहे हैं.
चेकअप के लिए होलट पहुंचे डॉक्टर…
इस बीच गहलोत समर्थक के दो विधायकों की आज अचानक तबीयत खराब होने से हड़कंप मच गया. हालांकि जानकारी होते ही उनके चेकअप के लिए डॉक्टर होटल पहुंचे.
बता दें कि प्रदेश के सियासी संग्राम के बीच गहलोत सरकार के समर्थक विधायकों को जयपुर के फेयरमाउंट होटल से जैसलमेर के होटलों में भेज दिया गया है. इन विधायकों को जैसलमेर के सूर्यागढ़, रंगमहल और गोरबंद होटलों में ठहराया गया है.
रविवार सुबह सूर्यागढ़ होटल में ठहराए गए दो विधायकों- गुरमीत सिंह और बाबूलाल नागर की तबीयत बिगड़ गई. दो विधायकों की तबीयत खराब होने की जानकारी मिलते ही तत्काल मेडिकल टीम को अलर्ट किया गया. सूर्यागढ़ होटल में एक एंबुलेंस से डॉक्टरों की टीम भेजी गई. डॉ. रेवता राम पवार ने विधायकों की जांच की.
महज दो विधायकों के पाला बदलने का खेल…
गौरतलब है कि आगामी 14 अगस्त को विधानसभा सत्र के शुरू होने तक इन विधायकों का सियासी पर्यटन जारी रहेगा. इस बीच सरकार समर्थक इन विधायकों को सियासी ‘खरीद-फरोख्त’ से बचाने के लिए सीएम अशोक गहलोत कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हैं. क्योंकि सरकार बचने और गिरने में महज दो विधायकों के पाला बदलने का खेल है.
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