लखनऊ — उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मंगलवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के आह्वान पर केंद्र सरकार की तरफ से लोकसभा में नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) बिल का प्रस्ताव लाए जाने के विरोध में प्रदेश भर के 18 हजार प्राइवेट डॉक्टर हड़ताल पर रहेंगे.
सरकार के इस फैसले के खिलाफ प्राइवेट अस्पतालों की ओपीडी सुबह 6 से शाम 6 बजे तक बंद रहेगी. बता दें, कि प्राइवेट डॉक्टर इस दिन काला फीता बांधकर ब्लैक डे मनाएंगे. दरअसल, केंद्र सरकार इस कमीशन के गठन के लिए 29 दिसंबर को संसद में बिल ला चुकी है. वहीं इस बील पर आज चर्चा होने की संभावना है.
बता दें कि इस दौरान प्राइवेट अस्पतालों के डॉक्टर किसी भी तरह की ओपीडी और आॅपरेशन नहीं करेंगे, वहीं इमरजेंसी सेवायें हड़ताल से बाहर रहेंगी. लेकिन शाम 6 बजे के बाद प्राइवेट डॉक्टर मरीजों को देखेंगे. इस मामले में आईएमए के सेक्रेटरी जेडी रावत ने बताया कि इस बिल के आने बाद प्राइवेट डॉक्टरों का काम करना मुश्किल हो जाएगा.
ये है प्रस्ताबित बिल जिसका हो रहा विरोध
दरअसल पहले प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में 15 फीसदी सीटों की फीस मैनेजमेंट तय करती थी, लेकिन अब नए बिल के मुताबिक मैनेजमेंट 60 फीसदी सीटों की फीस तय कर पाएगा. इस बिल में अल्टरनेटिव मेडिसिन (होम्योपैथी, आयुर्वेद, यूनानी) की प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टरों के लिए एक ब्रिज कोर्स का प्रप्रोजल है.
इसे करने के बाद वे मॉडर्न मेडिसिन की प्रैक्टिस भी कर सकेंगे. आईएमए के पूर्व प्रेसिडेंट केके अग्रवाल के मुताबिक, इस बिल में ऐसे प्रावधान हैं जिससे आयुष डॉक्टर्स को भी मॉडर्न मेडिसिन प्रैक्टिस करने की अनुमति मिल जाएगी. जबकि, इसके लिए कम-से-कम एमबीबीएस क्वालिफिकेशन होनी चाहिए. इससे नीम-हकीमी करने वाले भी डॉक्टर बन जाएंगे.