पुलिस विभाग में अवकाश को लेकर अक्सर विवाद सामने आते हैं। सप्ताह में सातों दिन काम करने वाले पुलिसकर्मी तेजी से मानसिक तनाव का शिकार हो रहे हैं। उन्हें अपने परिवार को देने के लिए भी समय नहीं मिल पाता है।
इतना ही नहीं, कभी-कभी तो परिवार के किसी सदस्य की तबीयत खराब होने पर भी जरूरत के अनुसार पुलिसकर्मियों को समय पर अवकाश नहीं मिलता, जिससे वे शारीरिक और मानसिक अवसाद का शिकार हो जाते हैं।
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15 प्रतिशत पुलिसकर्मियों को नहीं मिला रहा अवकाश
दरअसल पुलिस महानिदेशक कार्यालय (डीजीपी ऑफिस) को जनपदों से आई रिपोर्ट चौंकाने वाली है। इस रिपोर्ट मे पाया गया कि पुलिस मुख्यालय की ओर से साप्ताहिक अवकाश देने के लिए जारी किये गये निर्देशों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। प्रदेश में पुलिस विभाग के सिपाही से लेकर इंस्पेक्टर तक रोजाना 15 प्रतिशत कर्मचारियों को साप्ताहिक अवकाश नहीं मिल पा रहा।
जबकि डीजीपी ऑफिस ने सभी जिलों व यूनिट्स को 2 मई 2016 व 16 जून 2016 को सिपाही से लेकर इंस्पेक्टर तक साप्ताहिक अवकाश देने के आदेश जारी किए थे, लेकिन पुलिस अधीक्षक (एसपी), थाना प्रभारी सहित अन्य अधिकारी आदेशों को लागू कराने में असफल रहे।
कर्मचारियों की कुल संख्या में से रोजाना 15 फीसदी कर्मचारियों को साप्ताहिक विश्राम दिया गया था, लेकिन इन आदेशों पर पूरी तरह से काम नहीं किया गया। यह व्यवस्था बनाने में एसपी, थाना प्रभारी व प्रमुख अधिकारी विफल रहे।
2016 में जारी हुआ था आदेश
डीजीपी की अनुमति के बाद कानून व्यवस्था व वीवीआईपी ड्यूटी में लगे पुलिस कर्मचारियों को साप्ताहिक अवकाश दिया जाना था, जो शुरू नहीं हो पाया। यह व्यवस्था पूरी तरह से लागू न होने पर डीजीपी इस व्यवस्था को लागू करने के लिए जिम्मेदार अफसरों से नाखुश हैं। वहीं पुलिस महानिरीक्षक मुख्यालय की ओर से सभी यूनिट प्रमुखों को 2016 में जारी आदेशों का पालन करने के लिए कहा गया है।
पुलिस कर्मियों की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करते हुए 2016 में साप्ताहिक अवकाश की व्यवस्था शुरू की गई थी। चूंकि, सप्ताह में सातों दिन काम करने से पुलिसकर्मी मानसिक तनाव का शिकार हो रहे थे। वे परिवार को भी समय नहीं दे पा रहे थे। पुलिस मुख्यालय ने आदेश तो जारी कर दिए, लेकिन वास्तविकता की जमीन पर अमल नहीं हो पाया। सिपाही से लेकर इंस्पेक्टर तक की मुश्किलें पहले की तरह ही बनी हुई हैं।
स्टाफ कम होने का अफसर देते हैं हवाला
विभाग में अधिकारियों व कर्मचारियों की संख्या 70 हजार के करीब है। इनमें से अधिकतर सिपाही से लेकर इंस्पेक्टर पद पर कार्यरत हैं। इन्हें जब साप्ताहिक अवकाश देने की बारी आती है तो अफसर स्टाफ की कमी का हवाला देना शुरू कर देते हैं, इसलिए इन्हें हफ्ते में एक दिन भी छुट्टी नहीं मिल पाती।
इन अफसरो को जारी हुआ था अवकाश देने के निर्देश
इन अधिकारियों को दिए गए साप्ताहिक अवकाश देने के निर्देश
हरियाणा पुलिस मुख्यालय की ओर से निदेशक, राज्य चौकसी ब्यूरो, चेयरमैन हरियाणा पुलिस आवास निगम, निदेशक हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम, निदेशक हरियाणा पुलिस अकादमी, पुलिस महानिदेशक अपराध, पुलिस महानिदेशक राज्य अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो, एडीजीपी कानून एवं व्यवस्था, एडीजीपी गुप्तचर विभाग, एडीजीपी दूरसंचार, उप पुलिस महानिरीक्षक रेलवे व कमांडो, सभी पुलिस आयुक्त,
सभी मंडल पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस महानिरीक्षक आईआरबी भौंडसी, पुलिस महानिरीक्षक यातायात, सभी जिला पुलिस अधीक्षक, सभी पुलिस उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक रेलवे, पुलिस अधीक्षक कमांडो नेवल, पुलिस अधीक्षक दूरसंचार, सभी आदेशक हरियाणा सशस्त्र पुलिस व सभी आदेशक आईआरबी को साप्ताहिक अवकाश देने के निर्देश दिये गये हैं।
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