नई दिल्ली– कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुजरात के मुद्दों पर 14वां सवाल पूछा है। मंगलवार को उन्होंने भाजपा से 22 सालों का हिसाब मांगने के क्रम में ट्वीट किया। कांग्रेस अध्यक्ष ने दलितों की जमीन, रोजगार, स्वास्थ्य और शिक्षा का जिक्र किया है, वहीं उना में दलितों के साथ हुए जुल्मों पर पीएम नरेन्द्र मोदी की चुप्पी पर निशाना साधा।
राहुल गांधी ट्वीट कर पूछा, न जमीन, न रोजगार, न स्वास्थ्य, न शिक्षा। गुजरात के दलितों को मिली है बस असुरक्षा। ऊना की दर्दनाक घटना पर मोदीजी हैं मौन, इस घटना की जवाबदेही लेगा फिर कौन? कानून तो बहुत बने दलितों के नाम , कौन देगा मगर इन्हे सही अंजाम? बता दें कि पिछले साल गुजरात के ऊना में मरी गाय की खाल निकालने पर चार दलितों की बेरहमी से पिटाई की गई थी। विरोध में दलितों ने गुजरात के सरकारी कार्यालयों के सामने मरी गायें डाल दी थीं। गुजरात समेत देशभर में इस घटना के विरोध में प्रदर्शन हुए थे।
ये हैं राहुल गांधी के पहले के 13 सवाल—
1. 2012 में वादा किया कि 50 लाख नए घर देंगे। 5 साल में बनाए 4.72 लाख घर। प्रधानमंत्री जी बताइए कि क्या ये वादा पूरा होने में 45 साल और लगेंगे?
2. 1995 में गुजरात पर कर्ज- 9,183 करोड़। 2017 में गुजरात पर कर्ज- 2,41,000 करोड़। यानी हर गुजराती पर 37,000 कर्ज। आपके वित्तीय कुप्रबन्धन व पब्लिसिटी की सजा गुजरात की जनता क्यों चुकाए?
3. 2002-16 के बीच 62,549 Cr की बिजली खरीद कर 4 निजी कंपनियों की जेब क्यों भरी? सरकारी बिजली कारख़ानों की क्षमता 62% घटाई पर निजी कम्पनी से 3/ यूनिट की बिजली 24 तक क्यों ख़रीदी?
4. सरकारी स्कूल-कॉलेज की कीमत पर किया शिक्षा का व्यापार महँगी फीस से पड़ी हर छात्र पर मार, New India का सपना कैसे होगा साकार? सरकारी शिक्षा पर खर्च में गुजरात देश में 26वें स्थान पर क्यों? युवाओं ने क्या गलती की है?
5. न सुरक्षा, न शिक्षा, न पोषण, महिलाओं को मिला तो सिर्फ शोषण, आंगनवाड़ी वर्कर और आशा, सबको दी बस निराशा। गुजरात की बहनों से किया सिर्फ वादा, पूरा करने का कभी नहीं था इरादा।
6.भाजपा की दोहरी मार एक तरफ युवा बेरोजगार दूसरी तरफ़ लाखों फिक्स पगार और कांट्रैक्ट कर्मचारी बेज़ार 7वें वेतन आयोग में 18000 मासिक होने के बावजूद फिक्स और कांट्रैक्ट पगार 5500 और 10000 क्यों?
7. जुमलों की बेवफाई मार गई, नोटबंदी की लुटाई मार गई ,GST सारी कमाई मार गई ,बाकी कुछ बचा तो – महंगाई मार गई, बढ़ते दामों से जीना दुश्वार ,बस अमीरों की होगी भाजपा सरकार?
8. 39% बच्चे कुपोषण से बेज़ार. हर 1000 में 33 नवजात मौत के शिकार. चिकित्सा के बढ़ते हुए भाव. डाक्टरों का घोर अभाव. भुज में ‘मित्र’ को 99 साल के लिए दिया सरकारी अस्पताल क्या यही है आपके स्वास्थ्य प्रबंध का कमाल?
9.न की कर्ज़ माफ़ी, न दिया फसल का सही दाम, मिली नहीं फसल बीमा राशि, न हुआ ट्यूबवेल का इंतजाम, खेती पर गब्बर सिंह की मार, छीनी जमीन, अन्नदाता को किया बेकार, PM साहब बताएं, खेडुत के साथ क्यों इतना सौतेला व्यवहार?
10.22 सालों का हिसाब, गुजरात मांगे जवाब। प्रधानमंत्रीजी, 10वां सवाल। आदिवासी से छीनी जमीन, नहीं दिया जंगल पर अधिकार। अटके पड़े हैं लाखों जमीन के पट्टे। न चले स्कूल, न मिला अस्पताल।
11.मैं केवल इतना पूछूंगा..क्या कारण है इस बार प्रधानमंत्री जी के भाषणों में ‘विकास’गुम है..मैंने गुजरात के रिपोर्ट कार्ड से 10 सवाल पूछे उनका भी जवाब नहीं..पहले चरण का प्रचार ख़त्म होने तक घोषणा पत्र नहीं..तो क्या अब‘भाषण ही शासन’है?
12.“छोटे-मँझले कारोबारी त्रस्त, बड़े उद्योगपति हैं मस्त। जीएसटी और नोटबंदी की दोहरी मार, सूरत-राजकोट-अलंग-अंजार, नष्ट किए गुजरात के व्यापार। श्री गांधी ने मोदी को निशाना बनाते हुए कहा कहा, ‘क्या जवाबदारी लेगी आपकी सरकार?‘
13.कहते थे देंगे जवाबदेह सरकार, किया लोकपाल क्यों दरकिनार? GSPC, बिजली-मेट्रो घोटाले, शाह-जादा पर चुप्पी हर बार, मित्रों की जेब भरने को हैं बेकरार। लम्बी है लिस्ट और ‘मौनसाहब’ से है जवाब की दरकार, किसके अच्छे दिन के लिए बनाई सरकार?