26/11 की 11वीं बरसीः जब आतंकियों के खौफ से थम गई थी मुंबई की रफ्तार

आज ही के दिन मुंबई में हुई हुआ था आतंकी हमला,52 लोगों की हुई थी मौत

नई दिल्ली — मुंबई हमले की आज 11 वीं बरसी है। आज ही के दिन पाकिस्तान समर्थित लश्कर-ए-तैयबा ने हमला करके मुंबई की रफ्तार धीमी कर दी थी। इस हमला में लगभग 160 लोगों को अपनी जिंदगी से हाथ धोना पड़ा था। साथ ही 300 से ज्यादा लोग घायल होकर चीत्कार कर रहे थे। आज ही के दिन 26 नवंबर 2008 को 10 आतंकवादी नाव से मुंबई पहुंचा था। जिनमें कसाब नामक खतरनाक आतंकवादी भी शामिल था। फिर मुंबई पहुंचते ही छत्रपति शिवाजी टर्मिनल पर गोलीबारी करते हुए आगे बढ़े।

बता दें कि यह आतंकवादी कोलाबा के पास कफ़ परेड के मछली बाजार पर उतरते हुए 4 group में बंट गए थे। फिर जो हुआ वो इतिहास में दर्ज हो गया। हालांकि उस समय भी पुलिस ने जिस तरह मामले की गंभीरता को समझने में चूक की उससे यह बड़ी घटना में तब्दील हो गई। आतंकवादी हाथ में एके47 राइफलें लेकर जो जहां मिला उसे निशाना बनाता चला गया। चंद मिनट में ही 52 लोगों को मौत की नींद सुला दी।

वहां से आतंकवादी आगे बढ़े और मुंबई का लियोपोल्ड कैफे में दाखिल हुए और गोलियों के बौछार से लोगों को जिस तरह से निशाना बनाया उससे आम जनता के अलावा विदेशियों की भी मौत हो गई। आतंकवादी वहां से निकलकर मुंबई का ताज होटल, ओबेरॉय ट्राइडेंट होटल और नरीमन हाउस में जिस तरह से गौलियों की बौछार की उससे फिर से मानवता शर्मसार हुआ।

हालांकि उस समय मीडिया के लाईव कवरेज का आतंकवादियों ने जमकर फायदा उठाया। लेकिन बंधक लोगों को आतंकिवादियों के चंगुल से निकालने के लिये रैपिड एक्शन फोर्ड (आरपीएफ़), मैरीन कमांडो और नेशनल सिक्युरिटी गार्ड (एनएसजी) कमांडो तुरंत हरकत में आ गई। लेकिन अगले 3 दिन तक यह आतंकवादियों से मुठभेड़ ने विश्व भर में लोगों के माथे पर चिंता की लकीर खिंच दी।

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