प्रदेश की 350 तहसीलों में 1000 से अधिक कंप्यूटर ऑपरेटर जल्द रखे जाएंगे। इसके राजस्व परिषद ने दिशा-निर्देश जारी कर दिए है। कंप्यूटर ऑपरेटरों को जरूरत के आधार पर आउट सोर्सिंग के माध्यम से रखा जाएगा। स्थानीय स्तर पर इसकी व्यवस्था होगी।
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तहसीलों में दो से तीन ऑपरेटर रखे जाएंगे…
इसके मुताबिक श्रेणी एक व दो की तहसीलों में अधिकतम चार और श्रेणी तीन व चार की तहसीलों में दो कंप्यूटर ऑपरेटर रखे जा सकेंगे। इन्हें संविदा के आधार पर रखा जाएगा।
श्रेणी एक में रोजाना औसतन 300 से अधिक खतौनी की नकल जारी करने वाली तहसीलें आएंगी। श्रेणी दो में 200 से 300, श्रेणी तीन में 100 से 200 और श्रेणी चार में औसतन 100 से कम नकल जारी करने वाली तहसीलें आएंगी।
आउटसोर्सिंग पर आधारित तकनीकी
यूपी के राजस्व परिषद ने प्रयोक्ता प्रभार के संग्रहण एवं व्यय के सबंध में दिशा-निर्देश जारी कर दिया गया है। इसमें कहा गया है कि तहसील कंप्यूटर केंद्र पर कंप्यूटरीकरण के काम में जरूरत के आधार पर आउटसोर्सिंग पर तकनीकी जनशक्ति सेवा ली जाएगी। मंडलायुक्त न्यायालय में कंप्यूटरीकरण के लिए जरूरत के अनुसार आउटसोर्सिंग पर आधारित तकनीकी जनशक्ति सेवा केंद्र होगा।
इस पर आने वाला खर्च मंडलीय जिला की जिस तहसील में सर्वाधिक प्रयोक्ता प्रभार प्राप्त हो रहा है, उसमें ही स्थापित किया जाएगा। आउटसोर्सिंग पर प्रति तकनीकी जनशक्ति सेवा क्रय के लिए अधिकतम 25000 रुपये खर्च किए जाएंगे। इसी तरह जिलाधिकारी न्यायालय के लिए भी व्यवस्था की जाएगी।
ये होगा फायदा
जनशक्ति सेवा क्रय केंद्र खुलने के बाद पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। साथ में खतौनी, खसरा, भू-नक्शा, वरासत संबंधी काम आसानी से होंगे। इसके अलावा आय, जाति, निवास और हैसियत प्रमाण पत्र के कामों में तेजी आएगी।
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