न्यूज डेस्क– पंजाब में अमृतसर के जलियांवाला बाग के हत्याकांड के 13 अप्रैल को 100 साल पूरे हो रहे हैं। इस मौके पर वहां एक खास कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने जलियांवाला बाग स्मारक में शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
सौ साल पहले (13 अप्रैल 1919) आज ही के दिन बैसाखी को अमृतसर के जलियांवाला बाग में एक सभा रखी गई, जिसमें कुछ नेता भाषण देने वाले थे। शहर में कर्फ्यू लगा था। फिर भी सैंकड़ों लोग ऐसे थे, जो बैसाखी के मौके पर परिवार के साथ मेला देखने और शहर घूमने आए थे। सभा की खबर सुन कर वहां जा पहुंचे थे। जब नेता बाग में पड़ी रोड़ियों के ढेर पर खड़े हो कर भाषण दे रहे थे, तभी ब्रिगेडियर जनरल रेजीनॉल्ड डायर 90 ब्रिटिश सैनिकों को लेकर वहां पहुँच गया। उन सब के हाथों में भरी हुई राइफलें थीं। सैनिकों ने बाग को घेर कर बिना कोई चेतावनी दिए निहत्थे लोगों पर गोलियाँ चलानी शुरु कर दीं। 10 मिनट में कुल 1650 राउंड गोलियां चलाई गईं।
जलियांवाला बाग तक जाने या बाहर निकलने के लिए केवल एक संकरा रास्ता था और चारों ओर मकान थे। भागने का कोई रास्ता नहीं था। कुछ लोग जान बचाने के लिए मैदान में मौजूद एकमात्र कुएं में कूद गए, पर देखते ही देखते वह कुआं भी लाशों से पट गया। 120 शव तो सिर्फ कुए से ही मिले। आधिकारिक रूप से मरने वालों की संख्या 379बताई गई जबकि पंडित मदन मोहन मालवीय के अनुसार कम से कम 1300 लोग मारे गए।