भारत ने कोरोना महामारी के खिलाफ आज ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल कर ली है। देश ने 21 अक्टूबर तक 100 करोड़ वैक्सीन डोज का जादुई आंकड़ा पूरा कर लिया है। इस मौके पर पीएम मोदी दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल पहुंचकर सफाई कर्मियों से मुलाकात की। उन्होंने देश के सभी डॉक्टरों, नर्सों और स्वास्थ्यकर्मियों को धन्यवाद दिया। वहीं देश भर में लोग खुशियां मना रहे हैं। राममनोहर लोहिया में 100करोड़ वां टीका बनारस के दिव्यांग अरुण रॉय को लगाया गया।
केंद्र सरकार के अधिकारियों का कहना है कि दिसंबर तक 188 करोड़ डोज पूरा करने का आदेश केंद्र सरकार ने पहले ही दे दिया है। वहीं दूसरे डोज का काम 2022 में चलता रहेगा। इसका कारण ये है कि वैक्सीनेशन अभी लोगों की इच्छा पर है यानी इसे अनिवार्य नहीं किया गया है।
देश में कब शुरू हुआ कोरोना वैक्सीनेशन:
देश में कोरोना टीकाकरण की शुरुआत 16 जनवरी को हुई थी। सबसे पहले देश के स्वास्थ्यकर्मियों को सुरक्षित किया गया। फ्रंट लाइन वर्कर्स के लिए 2 फरवरी से टीकाकरण की शुरुआत हुई थी। वहीं अगले चरण में 1 मार्च से 60 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों और गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाया गया। उसके बाद 45 वर्ष या इससे अधिक उम्र के लोगों को टीका लगने की शुरुआत हुई। 1 अप्रैल से 45 या इससे अधिक उम्र के सभी लोगों को टीका लगने लगा तो 1 मई से सभी व्यस्कों को सुरक्षित करने का अभियान शुरू हुआ।
विपक्ष ने नहीं किया कोई मदद:
भारतीय जनता पार्टी के नेता का कहना है कि विपक्ष के नेताओं ने वैक्सीनेशन कार्यक्रम को प्रोत्साहित करने के लिए बेहद कम प्रयास किया। उन्होंने कहा सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा की तक तक वैक्सीन नहीं लगवाऊंगा जब तक सभी राज्य में वैक्सीनेशन डोज पूरा नहीं हो जाता।
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