बहराइच–टेड़िया फकीरचक दरगाह निवासी एक 10 वर्षीय बालक की वर्ष 2004 में गांव के एक युवक ने हत्या कर दी थी। हत्या के बाद शव को ग्रामीण के अहाते में फेंक दिया था।
इस मामले में सोमवार को सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश सुभाष चंद्र सप्तम ने आरोपी को दोषसिद्ध करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। साथ ही 20हजार रुपये जुर्माना से भी दंडित किया है।
दीवानी कचेहरी के एडीजीसी क्रिमनल फिरोज अहमद खां ने बताया कि दरगाह शरीफ थाना अंतर्गत टेड़िया फकीरचक गांव निवासी ओंकारनाथ ने 12 नवंबर 2004को थाने में पुत्र की हत्या की तहरीर दी थी। ओंकार ने तहरीर में कहा था कि उसके 10 वर्षीय पुत्र कल्लू उर्फ साहस यादव 11 नवंबर को गांव में इस्लामुद्दीन व हन्नान के घर के पास खेल रहा था। तभी वहां पहुंचे निरहू ने अपने दो साथियों के साथ कल्लू को बहला फुसलाकर अपने साथ बुला ले गया। देर शाम तक कल्लू घर नहीं लौटा। तब खोजबीन शुरू की गई। सुबह उसका शव महबूब के अहाते में पड़ा मिला।
इस पर मृतक के पिता ओंकार ने निरहू उर्फ दिलशाद खां को नामजद करते हुए थाने में केस दर्ज कराया। उसी मामले की सुनवाई सोमवार को दीवानी कचेहरी के न्यायालय षष्ठम पर अपर सत्र न्यायाधीश सुभाष चंद्र सप्तम ने की। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद न्यायाधीश ने आरोपी निरहू उर्फ दिलशाद खां को दोषसिद्ध करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही 20 हजार रुपये अर्थदंड से भी दंडित किया है।
(रिपोर्ट- अनुराग पाठक, बहराइच )