बैंकों के निजीकरण करने के सरकार के फैसले के विरोध में देशभर के 10 लाख बैंककर्मी दो दिन की हड़ताल पर चले गए हैं। महोबा जिला मुख्यालय के गाँधी नगर स्थित इलाहाबाद बैंक के सामने यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन की महोबा इकाई संगठन से जुड़े बैंककर्मियों ने कार्य बहिष्कार कर कर्मचारी धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।
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बैंकों के निजीकरण के विरोध में सोमवार-मंगलवार दो दिनों तक चलने वाली बैंककर्मियों की हड़ताल की वजह से लोगों को परेशानी हो रही है। खातों में जमा-निकासी के साथ ही चेक का निस्तारण भी नहीं हो पा रहा है। महोबा जिले में बैंककर्मियों की हड़ताल को देखते हुए ही रविवार को शहरी और ग्रामीण इलाकों में एटीएम में कैश भरवा दिया गया है, जिससे कि दो दिन में लोगों को कैश का संकट न झेलना पड़े।
15-16 मार्च को हड़ताल..
सरकार द्वारा बैंकों के निजीकरण के फैसले को लेकर बैंक कर्मी चरणबद्ध तरीके से आंदोलन कर रहे हैं। पिछले दिनों धरना-प्रदर्शन के बाद भी सरकार द्वारा जब मांगें नहीं मानी गई तो बैंक कर्मियों ने 15-16 मार्च को हड़ताल का फैसला लिया है।
दो दिन की इस हड़ताल की वजह से बैंकों में तालाबंद कर कर्मचारी विरोध जता रहे हैं आमतौर पर सोमवार को बैंकों में अधिक भीड़ होती है लेकिन बैंकों में कामकाज ठप होने से लोगों की समस्या भी बढ़ गई है हड़ताल के चलते करोड़ो रुपये का लेनदेन प्रभावित होने से व्यापारी परेशान नजर आ रहे हैं। हालांकि राहत की बात यह है कि हड़ताल में निजी बैंक शामिल नहीं है।
निजीकरण से पूंजीपतियों को फायदा
जयपाल सिंह परिहार (बैंक कर्मी) ने बताया कि ये निजीकरण के विरोध में दो दिवसीय हड़ताल कर रहे है आने वाले समय पर सरकार अगर निजीकरण बंद नही करती है तो आने वाले समय मे अनिश्चित कालीन हड़ताल में जाने को मजबूर होंगे क्यो की निजीकरण से न जनता को न ही बैंक को कोई फायदा होना है इससे पूंजीपतियों को फायदा पहुँचेगा।
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(भानु प्रताप सिंह,महोबा )