बिहार सरकार ने वरिष्ठ समाजवादी नेता शरद यादव के निधन पर शुक्रवार को राज्य में एक दिवसीय राजकीय शोक की घोषणा की। पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव का गुरूवार की रात गुरुग्राम के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वह अपने छतरपुर स्थित आवास पर बेहोश हो गए थे जिसके बाद उन्हें अचेत अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वह 75 वर्ष के थे और उनके परिवार में उनकी पत्नी, बेटा और बेटी हैं।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में शुक्रवार को राज्य में एक दिन के राजकीय शोक की घोषणा की गयी है। ख्यमंत्री ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री शरद यादव के निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है। न्होंने अपने शोक संदेश में कहा कि शरद यादव जी से मेरा बहुत गहरा संबंध था। मैं उनके निधन की खबर से स्तब्ध एवं मर्माहत हूं। वह एक प्रखर समाजवादी नेता थे। वह केन्द्रीय मंत्रिमंडल में नागरिक उड्डयन मंत्री, श्रम मंत्री, उपभोक्ता मामलों के मंत्री तथा खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री के रूप में कार्य कर चुके थे।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘शरद यादव जी ने अपने व्यक्तित्व की बदौलत राजनीतिक सीमाओं के परे सभी विचारधारा के राजनीतिक दलों का आदर एवं सम्मान प्राप्त किया। वह सात बार लोकसभा और तीन बार राज्यसभा सांसद रहे। उनका निधन समाजवादी आंदोलन के लिये एक बड़ी क्षति है। वह लोहिया जी के विचारों पर चलने वाले राजनेता थे।’’
उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री के निधन को व्यक्तिगत क्षति बताते हुए कहा कि शरद यादव जी के निधन से सामाजिक एवं राजनीतिक क्षेत्रों में अपूरणीय क्षति हुई है। मुख्यमंत्री ने दिवंगत शरद यादव की पत्नी, पुत्री एवं पुत्र से फोन पर बात कर उन्हें सांत्वना दी। उन्होंने दिवंगत आत्मा की शान्ति तथा उनके परिजनों को दुःख की इस घड़ी में धैर्य देने की ईश्वर से प्रार्थना की है। शरद यादव के निधन पर बिहार के राज्यपाल फागू चौहान और अन्य नेताओं ने भी शोक व्यक्त किया है।
पैतृक गांव में कल होगा शरद यादव का अंतिम संस्कार
वरिष्ठ समाजवादी नेता और जनता दल (यूनाइटेड) के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव का अंतिम संस्कार शनिवार को मध्यप्रदेश के नर्मदापुरम जिले में उनके पैतृक गांव में किया जाएगा। यह जानकारी उनके एक करीबी सहयोगी ने भोपाल में दी है। जद (यू) की मध्यप्रदेश इकाई के पूर्व प्रमुख एवं यादव के करीबी सहयोगी गोविंद यादव ने कहा कि वरिष्ठ नेता का अंतिम संस्कार नर्मदापुरम (पहले होशंगाबाद) जिले की बाबई तहसील के उनके पैतृक गांव आंखमऊ में शनिवार को किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यादव का पार्थिव शरीर विमान से दिल्ली से मध्यप्रदेश लाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि छात्र नेता के रूप में शुरुआत करने के बाद शरद यादव ने 1974 में मध्यप्रदेश की जबलपुर सीट से लोकसभा उपचुनाव में कांग्रेस के खिलाफ विपक्ष के उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की थी, जिसने उन्हें राष्ट्रीय राजनीति में पहुंचा दिया। उन्होंने कहा कि अपने लंबे राजनीतिक जीवन में शरद यादव सात बार लोकसभा चुनाव जीते। वह उच्च सदन के भी सदस्य रहे। उन्होंने कहा कि जबलपुर के अलावा उन्होंने उत्तरप्रदेश के बदायूं और बिहार के मधेपुरा से भी लोकसभा चुनाव जीता, जो किसी भी राजनेता के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।
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