बहराइच — सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बाबागंज पर मंगलवार को प्रसव पीड़ा के बाद एक महिला को इलाज के लिए लाया गया था। नर्स ने इलाज करने के बाद एक हजार रुपये मांगे। पैसे न मिलने पर बिना इलाज के घर भेज दिया। बुधवार को तेज दर्द होने पर पति उसे फिर से लेकर सीएचसी पहुंचा।
लेकिन बिना पैसे लिए इलाज करने से नर्स ने मना कर दिया। जिससे अस्पताल के गेट के फर्श पर घंटो महिला प्रसव पीड़ा से तड़पती रही। इसके बाद भी नर्स का दिल नहीं पसीजा। करीब तीन घंटे बाद उसने फर्श पर ही एक बच्चे को जन्म दिया। बच्चे के पिता ने सीएमओ को पत्र भेजकर कार्रवाई की मांग की है। सीएचसी अधीक्षक ने मामले की जानकारी न होने की बात कहकर किनारा कस लिया है।
विकास खंड नवाबगंज अंतर्गत ग्राम पंचायत अधीन गांव निवासी रामविलास पुत्र छोटेलाल की पत्नी चंद्रा (30) गर्भवती थी। मंगलवार को चंद्रा को अचानक तेज प्रसव पीड़ा हुई। जिस पर उसे पति रामबिलास सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बाबागंज लेकर पहुंचा। यहां ड्यूटी पर तैनात नर्स ने बाहर से दवा मंगाकर इलाज शुरू किया। समय पूरा होने के कारण उसने प्रसव कराने के लिए एक हजार रुपये मांगे। लेकिन पैसे न देने पर प्रसव नहीं कराया गया। जिस पर वह अपनी पत्नी को लेकर मंगलवार को घर चला गया। बुधवार की सुबह उसे अचानक फिर से पुन: तेज दर्द की शिकायत हुई। जिस पर एक बार फिर वह अपनी पत्नी को लेकर सीएचसी बाबागंज इलाज कराने के लिए पहुंचा।
सीएचसी पर तैनात नर्स ने उससे फिर से एक हजार रुपये की मांग की। पैसे नहीं होने की रामबिलास दुहाई देता रहा। लेकिन नर्स को फर्श पर तड़पती हुई प्रसूता का दर्द देखकर भी दया नहीं आयी। रामबिलास अपनी पत्नी को अस्पताल के गेट पर ही बैठाकर वाहन का इंतजाम करने लगा। तभी अचानक उसे फिर से प्रसव पीड़ा हुई। घर की महिलाओं ने किसी तरह चादर तानकर फर्श पर ही बच्चे को पैदा कराया। उसने एक लड़के को जन्म दिया है। जच्चा-बच्चा दोनों के स्वस्थ होने पर वह उसे लेकर घर चला गया। रामबिलास ने मुख्य चिकित्साधिकारी को पत्र भेजकर मामले की जांच कराते हुए कार्रवाई की मांग की। इस बारे में बात करने पर सीएचसी के प्रभारी डॉ. अर्चित श्रीवास्तव ने कहा कि अभी तक उनके सामने लिखित शिकायत नहीं आई है। शिकायत मिलने पर जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।
(रिपोर्ट-अनुराग पाठक,बहराइच)