नयी दिल्ली — नोबेल पुरस्कार विजेता और छोटे कर्ज देने वाली कंपनियों के प्रवर्तक मुहम्मद युनुस ने साफ-सुथरे ढंग से चुनाव आयोजित करने की जरूरत पर जोर दिया और उन्होंने कहा कि इससे सुशासन की नींव तैयार होगी और भ्रष्टाचार से लड़ने में मदद मिलेगी।
इस दौरान यूनुस ने कई मुद्दों पर बात की जिनमें सरकारी भ्रष्टाचार को कम करने के तरीकों, पूंजीवाद को लेकर उनकी सोच, उनका ग्रामीण बैंक और उनकी नई पुस्तक “अ वर्ल्ड ऑफ थ्री जीरोज : द न्यू इकोनॉमिक्स ऑफ जीरो पॉवर्टी, जीरो एनइंप्लॉयमेंट एंड जीरो नेट कार्बन एमिशन्स” शामिल थे।
उन्होंने कहा, “जनशक्ति और तकनीक की ताकत चीजों को नाटकीय ढंग से बदल सकती हैं अगर उनका उपयोग सरकार को लोगों के प्रति जवाबदेह बनाने और उनके भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए किया जाए। इस प्रक्रिया की सबसे जरूरी शुरूआत साफ-सुथरे चुनावों में निहित है।” यूनुस और उनके ग्रामीण बैंक को “निचले स्तर पर आर्थिक और सामाजिक विकास के प्रयासों के लिए” वर्ष 2006 के लिए नोबेल पुरस्कार मिला था।