फतेहपुर जिले की पुलिस निरोधात्मक कार्रवाईयां मनमाने तरीके से करने में हातिम है। आमजन को न्याय देने में पुलिस का रवैया ज्यादातर पेचीदा ही रहा है।
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इसी का नतीजा है कि लोग खाकी को कभी मित्र के रुप में देख ही नहीं पाए।ऐसी ही मनमानी कार्रवाईयों का एक सजरा सदर एसडीएम ने तैयार कराया है।जिसमें पुलिस द्वारा मनमाने तरीके से एक थाने में नाबालिग तो दूसरे में कई वर्षों से मुंबई में रह रहे व्यक्ति पर मिनी गुंडा एक्ट की कार्रवाई कर दी गयी। इतना ही नहीं 6 सब इंस्पेक्टर भी ऐसे चिन्हित हुए हैं जिन्होंने निरोधात्मक कार्रवाइयाँ करने में मनमानी की ।दो थानाध्यक्ष सहित 8 दरोगाओं को उपजिलाधिकारी प्रमोद झा ने साक्ष्य सहित 19 अक्टूबर को अपने न्यायालय में हाजिर होने का आदेश दिया है।
पंचायत चुनाव का अभी बिगुल फुंका नहीं है लेकिन थानों-थानों में निरोधात्मक कार्रवाईयों का सिलसिला मनमाने तरीके से शुरू हो गया है।पुलिस बेपरवाही व उदासीनता के साथ निरोधात्मक कार्रवाईयां कर रही है।इनमें कई मामलों में शिकायतें अधिकारियों तक पहुंची हैं। थरियांव थाना में तैनात रहे विनोद कुमार सिंह ने एक नाबालिग रमन प्रताप सिंह निवासी रमवां के विरुद्ध जहां मिनी गुंडा एक्ट की कार्रवाई कर दी।वहीं मलवां थानाध्यक्ष शेर सिंह राजपूत ने ऐसे व्यक्ति के ऊपर मिनी गुंडा एक्ट लगा दिया जो गत कई वर्षों से मुंबई में रह रहा है।इसकी पुष्टि ग्राम प्रधान ने भी लिखित रूप से देकर की है।
https://youtu.be/rx32ewqv6nihttps://youtu.be/Rx32eWqv6nI
पुलिस की यही मनमानियां आम जनता से दूरी बनाने के लिए काफी रहीं हैं। नतीजा रहा है की आम जनता खाकी का कभी ऐतबार ही नहीं कर पाई। इतना ही नहीं शाह चौकी में रहे एसआई संदीप तिवारी ने शिवसेवक विश्वकर्मा के ऊपर मनमाने तरीके से कार्रवाई कर दी।मलवां थाना में रहे एसआई राजेंद्र यादव,एसआई मनवीर सिंह,एसआई सुरेश तिवारी,एसआई घनश्याम शुक्ला व एसआई उमाशंकर द्वारा अपने-अपने क्षेत्रों में की गई कार्रवाईयां भी मनमानी के दायरे में आई हैं। जिनकी शिकायतें पीड़ितों ने अधिकारियों तक पहुंचाई हैं। कार्रवाई के लिए उपजिलाधिकारी न्यायालय पहुंची पत्रावलियों ने कई राज खाकी की मनमानी के खोले हैं।
अब उपजिलाधिकारी प्रमोद झा ने इन थानाध्यक्षों एवं सब इंस्पेक्टरों को की गई कार्रवाईयों पर 19अक्टू. को साक्ष्य सहित उपस्थित होने के निर्देश जारी कर नोटिस दी है। पुलिसिया मनमानी पर जारी हुई नोटिसों के बाद संबंधित थानाध्यक्ष एवं एसआई बेचैन हैं। इस फंद से निकलने के लिए जुगत-जुगाड़ तलाश रहे हैं।
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