फर्रुखाबाद–शहर के मोहल्ला नाला फिदाई खाँ में एक कमरे में चल रहे नन्द जूनियर हाई स्कूल को लेकर कर वर्षो से आम जनता से लेकर उसके शिक्षक शिकायते कर रहे है।
लेकिन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा कोई कार्यवाही नही की गई ।वही शिकायत सम्पूर्ण समाधान दिवस में दोबारा की गई तो बेसिक शिक्षा अधिकारी ने उसकी जांच के लिए तीन सदस्यों की टीम बना दी है।जो नन्द जूनियर हाई स्कूल वर्षो पुराना है शिक्षा विभाग द्वारा इसको एडिट कर दिया गया था।जब स्कूल सरकारी हो गया तो प्रबंधक ने अपनी मनमानी शुरू कर दी थी।
नन्द जूनियर हाईस्कूल में कई वर्षों पहले से स्कूल प्रबंधन को रखरखाव से लेकर हर प्रकार से सरकारी धन आवंटित किया जाता है।लेकिन स्कूल में वही खण्डर जैसी इमारत,कच्चा फ़र्ज़,स्कूल का कोई रंग रोगन नही कराया गया।प्रबंधक द्वारा सरकारी शिक्षकों को हटाकर अपनी मर्जी से शिक्षक रखना,स्कूल में बच्चों के लिए बनने वाला मिड डे मील को भी नही बनबाया जाता है।जो सरकारी सुविधाएं बच्चों के लिए दी जाती थी वह प्रबंधक अपने घर मे इस्तेमाल किया करता है।
लगभग दो साल पहले उसकी सरकारी ग्रांट रोक दिए जाने के कारण उसने शिक्षा विभाग को आत्मदाह की धमकी दी थी।इस धमकी में शिक्षा विभाग के कुछ अधिकारी उससे मिले हुए थे।उसके बाद 2017 में दीपावली के समय उसको ग्रांट दे दी गई।फिर भी उस स्कूल में कोई सुधार नही हुआ है।एक कमरे में चार बच्चे बैठ कर पढाई करते है।जिस स्कूल में चार बच्चे पढ़ाने के तीन टीचर हो तो उस स्कूल पर सरकारी धन का दुरुपयोग माना जायेगा फिर भी शिक्षा विभाग के सहयोग से वह इसका भरपूर लाभ लेता रहा है।जब बेसिक शिक्षा अधिकारी चेकिंग करने स्कूल में पहुंचे थे तो स्कूल में गंदकी के साथ उसकी इमारत में अंदर जाने में डर लगता है।आखिर इतने सालों तक सरकारी धन का लाखो के हिसाब से वह प्रयोग किस अधिकारी की दम पर करता रहा।इस बात को लेकर जब जिला बेसिक अधिकारी अनिल कुमार से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि उस स्कूल की जांच कराई जा रही है।उस स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षकों को दूसरे स्कूल में शिफ्ट करने के बाद उसकी मान्यता के साथ उसको बन्द करा देने की प्रक्रिया विभाग द्वारा शुरू करा दी गई है।
(रिपोर्ट – दिलीप कटियार , फर्रुखाबाद )