न्यूज़ डेस्क — कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को दक्षिणी केरल में चक्रवात ओखी से प्रभावित कुछ स्थानों का आज दौरा किया। इस दौरान वे च्रकवात की चपेट में आए मछुआरों के परिजनों से भी मिले। राहुल गांधी ने कहा कि, मैं शारीरिक रूप से यहां नहीं था लेकिन अपनी आत्मा से मैं यहीं था।
उन्होंने कहा कि जिन लोगों को तूफान की वजह से अपनी जान गंवानी पड़ी, उनके प्रति मैं सम्मान व्यक्त करता हूं। केरल और तमिलनाडु में 30 नवंबर को आए चक्रवात में 66 लोगों की मौत हुई थी। मरने वालों में अधिकतर मछुआरे थे। चक्रवात में मारे गए मछुआरों के परिवारों से बातचीत में राहुल गांधी ने कहा कि राज्य और केंद्र सरकारों को प्राकृतिक आपदा से सीख लेने की आवश्यकता है, जिसके कारण 95 मछुआरे लापता भी हो गए हैं। गांधी ने कहा, किसानों के पास एक मंत्रालय है जो उनके हितों को देखता है और मेरा मानना है कि अब समय आ गया है कि हम मछुआरों के लिए भी एक मंत्रालय का गठन किया जाए। जो उनके हितों को देखे और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करे। राहुल गांधी ने कहा कि मछुआरों को बहुत समस्याओं का सामना करना पड़ता है। वे हर रोज समस्याओं का सामना करते हैं, उनकी जिंदगी बहुत कठिन होती है, उसके बावजूद वे लड़ते हैं। उन्होंने कहा कि वो ऐसे लोगों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हैं जिन्होंने अपने परिवार के सदस्यों को खोया है।