लखनऊ– एक के बाद एक लगातार भाजपा के दलित सांसद अपनी ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल रहे हैं। एक बार फिर से उत्तर प्रदेश के नगीना लोकसभा सीट से भाजपा सांसद यशवंत सिंह ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर अपनी शिकायत दर्ज कराई है।
उन्होंने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि मैं दलित हूं लेकिन बावजूद इसके मेरी क्षमताओं का कोई इस्तेमाल नहीं किया गया। मैं महज आरक्षण की वजह से सांसद बना हूं। पार्टी के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए यशवंत सिंह ने लिखा है कि पिछले चार वर्षों में सरकार ने देश के 30 करोड़ दलितों के लिए कुछ भी नहीं किया। उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि मैं समझता हूं कि आरक्षण के कारण ही मुझे सांसद बनने का अवसर मिला है, मेरी योग्यता का उपयोग ही नहीं हो पा रहा है। इसी कारण आरक्षण हम लोगों के लिए एक जीवन दायणी हवा की तरह है, जिसके बगैर दलित समाज एवं पिछड़ा समाज का इस देश में कोई अस्तित्व नहीं रह जाएगा। जब मैं चुनकर आया था उसी समय मैंने स्वयं आपसे मिलकर प्रोमोशन में आरक्षण हेतु बिल पास कराने हेतु अनुरोध किया था।
यशवंत सिंह ने अपने पत्र में कोर्ट में किसी भी दलित जज के ना होने का भी मुद्दा उठाया है। उन्होंने लिखा है कि महोदाय कोर्ट में इस समाज का कोई प्रतिनिधि नहीं है, जिस कारण कोर्ट हर समय पर हमारे विरुद्ध नए, नए निर्णय देकर हमारे अधिकारों को खत्म कर रहा है। इस देश की 70 प्रतिशत संपत्ति एक प्रतिशत लोगों के पास है, जो सरकार का संरक्षण प्राप्त करते हैं. तथा इस देश की 25 फीसदी आबादी पर शायद आधा प्रतिशत भी देश की संपत्ति नहीं है। यह समाज सरकार की अच्छी नीति के बगैर तरक्की नहीं कर सकता है।